नईदिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नए साल के मौके पर देश भर के राज्यपालों और उपराज्यपालों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित किया। राष्ट्रपति ने संबोधन में नोटबंदी का जिक्र करते हुए कहा कि नोटबंदी से कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में ताकत मिलेगी, लेकिन इससे फिलहाल अर्थव्यवस्था की रफ्तार भी धीमी होगी।
नोटबंदी को लेकर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पहली बार कोई बयान दिया है। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में ये भी कहा कि नोटबंदी से निश्चित ही गरीबों की परेशानियां बढ़ी हैं।
राष्ट्रपति ने अपने संदेश में ये भी कहा कि उन्हें संदेह है कि गरीब इतना लंबा इंतजार नहीं कर सकते। इसलिए यह जरूरी है कि उन्हें तत्काल प्रभाव से मदद मुहैया कराई जानी चाहिए।राष्ट्रपति ने आगे कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में सहिष्णुता और विभिन्न विचारों को भी महत्व देने की जरुरत है। मुखर्जी ने ये भी कहा कि राज्यपाल और उप राज्यपाल अपने-अपने राज्यों में आर्ट और कल्चर को प्रमोट करने में भी अहम रोल निभा सकते हैं।
राष्ट्रपति ने साथ ही पांच राज्यों में अगले महीने शुरू होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर कहा कि चुनाव अक्सर वोट बैंक पॉलिटिक्स पर लड़ा जाता है।
इसके लिए विभिन्न समुदायों के बीच तनाव पैदा किया जाता है, जिससे समाज को नुकसान होता है। ऐसे में समाज में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए राज्यपाल और उपराज्यपाल को अहम भूमिका निभानी चाहिए।
Bureau Report
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