नईदिल्ली: सीबीआई ने हाई कोर्ट में अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीद घोटाले को देश को शर्मिंदा करने वाला बताया। सीबीआइ ने सोमवार को कहा कि पूर्व वायु सेना अध्यक्ष एसपी त्यागी ने जघन्य अपराध किया है। जो देश को शर्मसार करने वाला है। निचली अदालत द्वारा उन्हें दी गई जमानत भी अवैध है।
न्यायमूर्ति आइएस मेहता की अदालत में त्यागी की जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर सीबीआइ की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर त्यागी की जमानत रद्द नहीं की गई तो वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने कहा इस मामले की जांच कई देशों में चल रही है। इस मामले में काफी लोग लिप्त है और त्यागी जमानत पर है। मामले में लिप्त अन्य लोग चाहते हैं कि वह भी जेल से बाहर रहे।
मेहता ने कहा कि आरोपी मामले की सुनवाई में जानबूझ कर देरी कर रहे हैं। यह एक गंभीर प्रकरण है। सीबीआइ का आरोप है कि त्यागी जांच को बाधित कर सकते हैं। साक्ष्यों को नष्ट कर सकते हैं। इसलिए इस केस की सुनवाई जल्द हो।
उन्होंने कहा कि त्यागी के अलावा उन्होंने दो अन्य सह आरोपियों उनके भाई संजीव त्यागी उर्फ जूली और वकील गौतम खेतान को जमानत देने के निचली अदालत के आदेश के खिलाफ भी अलग से याचिका दायर की है। इन सभी याचिकाओं को एक साथ सुना जाना चाहिए।
पूर्व वायु सेना अध्यक्ष के वकील ने सीबीआइ की दलीलों का विरोध किया। उन्होंने कहा कि एजेंसी के पास उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। मामले की सुनवाई 26 जनवरी के बाद हो।
अदालत ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 जनवरी की तारीख तय कर दी। गौरतलब है कि 26 दिसंबर 2016 को निचली अदालत ने एसपी त्यागी को जमानत दी थी। सीबीआइ ने इस आदेश को चुनौती दी है।
आरोप है कि यूपीए-2 सरकार के कार्यकाल में ब्रिटेन स्थित अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की खरीद से संबंधित मामले में घोटाला किया था। सभी पर 3,600 करोड़ रुपये में हेलीकॉप्टरों की खरीद सुनिश्चित करने के लिए 423 करोड़ रुपये की रिश्र्वत लेने का आरोप है। त्यागी को ट्रायल कोर्ट ने 26 दिसंबर को जमानत दे दी थी।
Bureau Report
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