नईदिल्ली: सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया ने शिवसेना सांसद रवींद्र गायकवाड़ के उसकी फ्लाइटों में यात्रा पर दो सप्ताह से लगा प्रतिबंध हटा लिया है। एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने बताया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय के निर्देश पर एयर इंडिया ने तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध हटा लिया है।
गायकवाड़ ने गुरुवार शाम को नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू को पत्र लिख बैन हटाने की अपील की थी। गायकवाड़ ने मंत्री से माफी मांगते हुए कहा था कि ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी और उन विमान से उडऩे पर लगा प्रतिबंध हटाया जाए।
गायकवाड़ पर 23 मार्च को एयर इंडिया के एक 60 वर्षीय कमर्चारी को चप्पल से पीटने का आरोप है। वह स्वयं यह बात स्वीकार कर चुके हैं। इस मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई जा चुकी है। इसके बाद 24 मार्च को एयर इंडिया तथा छह अन्य विमान सेवा कंपनियों ने उन पर प्रतिबंध लगा दिया था।
एयर इंडिया के साथ विस्तारा, एयर एशिया और फेडरेशन ऑफ इंडियन एयरलाइंस (एफआईए) ने भी गायकवाड पर प्रतिबंध लगाया था। चार विमान सेवा कंपनियां इंडिगो, जेट एयरवेज, गो एयर और स्पाइस जेट एफआईए के सदस्य हैं। फेडरेशन ने अब तक प्रतिबंध हटाने की घोषणा नहीं की है, लेकिन उम्मीद है कि वह भी एयर इंडिया का अनुसरण कर सकता है। प्रतिबंध के बाद से गायकवाड ने कई बाद अलग-अलग विमान सेवा कंपनियों के टिकट बुक कराने की कोशिश की, लेकिन हर बार उनका टिकट रद्द कर दिया गया।
एयर इंडिया ने शुक्रवार भी उनके दो टिकट रद्द किए। इसमें एक टिकट 17 अप्रैल के लिए मुंबई-दिल्ली फ्लाइट में बुक कराया गया था, जबकि दूसरा टिकट 20 अप्रेल के लिए दिल्ली-मुंबई फ्लाइट में बुक कराया गया था। शिवसेना द्वारा गुरुवार को संसद में और संसद के बाहर दबाव बनाने के बाद तेजी से बदले घटनाक्रम में यह प्रतिबंध हटाया गया है।
गायकवाड़ ने गुरुवार को यह मामला लोकसभा में उठाते हुए कहा कि उन पर लगाया गया प्रतिबंध केवल यात्री के तौर पर ही नहीं, बल्कि एक सांसद के तौर पर भी उनके अधिकारों का उल्लंघन है। उनका आरोप है कि एयर इंडिया कर्मी ने उनके साथ बदतमीजी की थी। इस मामले में वह भी एयर इंडिया के उक्त कर्मचारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा चुके हैं।
केंद्रीय मंत्री एवं शिवसेना के सदस्य अनंत गीते ने भी गायकवाड़ पर प्रतिबंध लगाए जाने के मामले पर रोष जताया। वह नागर विमानन मंत्री की सीट के पास पहुंच गए और जोर-जोर से बोलने लगे। उन्हें यह कहते सुना गया कि आपको (प्रतिबंध का) आदेश वापस लेना होगा। इस बीच, शिवसेना के सदस्यों ने राजू की सीट के पास पहुंचकर उन्हें घेर लिया और हंगामा करने लगे। इस हंगामे की वजह से कुछ देर के लिए लोकसभा की कार्रवाई भी स्थगित करनी पड़ी।
Bureau Report
Leave a Reply