एसिड अटैक के शिकार आरती आैर प्रशांत को एक दूसरे में दिखा सच्चा प्यार, जख्मों को भूलकर लेंगे सात फेरे

एसिड अटैक के शिकार आरती आैर प्रशांत को एक दूसरे में दिखा सच्चा प्यार, जख्मों को भूलकर लेंगे सात फेरेमुंबई: एसिड अटैक की वजह से वे बेहद कम दुनिया से रूबरू होते थे। पिछले दिनों उन्हें जीवन साथी मिल गया है अब दोनों एक साथ दुनिया को अपने चश्मे से देखेंगे। दो एसिड अटैक पीडि़त जीवन की एक नई शुरुआत करने जा रहे हैं। 

मुंबई के नाला सोपारा की रहने वाली आरती ठाकुर (27 वर्ष) और भुसावल के प्रशांत पिंगले (32 वर्ष)  के साथ जून में शादी के बंधन में बंधेंगे। दोनों पिछले साल नवंबर में ह्यूमन राइट्स लॉ नेटवर्क के एक कार्यक्रम में मुंबई में मिले थे।

प्रशांत अपनी शादीशुदा बहन को एक मनचले के फेंके गए एसिड से बचाते वक्त झुलस गए थे। उनका शरीर 54 प्रतिशत झुलस चुका है। वहीं आरती पर 5 साल पहले उनके पूर्व मकान मालिक और उसके तीन दोस्तों ने गोरेगांव रेलवे स्टेशन पर तेजाब फेंक दिया था, क्योंकि आरती ने उसके विवाह प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। आरती 15 से 20 प्रतिशत झुलसी हुई हैं।

मुंबई में दोनेां पहली बार मिले थे। दोनों एक दूसरे को पहली बार में ही पसंद करने लगे थे। कुछ दिनों बाद प्रशांत ने आरती के सम्मुख विवाह का प्रस्ताव रखा। एसिड हमले के बाद से ही ट्राेमा के दौर से गुजर रही आरती ने 5 मार्च को प्रशांत के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।

फिर से हंसना सीखा

आरती बताती हैं कि प्रशांत ने जनवरी में मुझे शादी का प्रस्ताव दिया था, लेकिन मैं दुनिया से नाराज थी। मैं हमलावर को कभी माफ नहीं कर सकती, लेकिन प्रशांत के साथ मैंने फिर से हंसना सीखा है। आरती की अब तक 8 सर्जरी हो चुकी है और अभी 4 सर्जरी और होनी हैं।

वो सबसे लडऩे को है तैयार 

प्रशांत बताते हैं कि जब उन्होंने पहली बार आरती को कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देखा तभी उन्हें  प्रेम हो गया था। अब इसे प्यार कहिए या आकर्षण मैं नहीं जानता। वो अपना दर्द दुनिया से बांट रही थी। वो इतना दु:ख देखने के बाद भी दुनिया से लडऩे को तैयार है। 

बेहद हिम्मतभरा काम

जनवरी में एसिड अटैक पीडि़त के लिए एक आयोजन में दोनों एक बार फिर मिले। प्रशांत बताते हैं कि मैंने एक कॉमन दोस्त से आरती का मोबाइल नंबर मांगा। मैंने अपने फ्रेंड से आरती को लेकर अपने मन की बात जाहिर की। इस कार्यक्रम में दोनों के परिवार वाले भी मौजूद थे। आरती बताती हैं कि उनकी मां ने कहा कि प्रशांत सच्चे हीरो हैं। आरती कहती हैं कि उन्होंने अपनी बहन को बचाने के लिए अपनी ही जान को खतरे में डाल दिया। यह बेहद हिम्मतभरा काम है। उनसे मिलकर मैंने एसिड अटैक के बाद पहली बार शादी और बच्चों के बारे में सोचना शुरू कर दिया है।

Bureau Report

 

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