श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने कश्मीर में पत्थर मारने वाले युवाओं पर बड़ा बयान दिया है। अब्दुल्ला ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं पीएम मोदी को बता देना चाहता हूं कि जो लोग पत्थर मारते हैं या फिर जिन लोगों ने हथियार उठाए हैं, उनका पर्यटन से कोई लेना देना नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग अपने देश के लिए लड़ रहे है। फारुख अब्दुल्ला ने यह बात श्रीनगर में होने वाले लोकसभा उपचुनावों के लिए पार्टी का प्रचार करते समय कहीं।
फारूख ने भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर कहा कि अगर भारत और पाक मिलकर इस मुद्दे को नहीं सुलझा पा रहे हैं, तो अमेरिका को बीच में आकर समझौता करना चाहिए। यह किसी पार्टी में लड़ाई नहीं है बल्कि सांप्रदायिकता के खिलाफ एक जंग है।
फारुख के बयान से विपक्षी पार्टियों सहमत नहीं
एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी फारुख की बात से सहमत नहीं। औवेसी ने कहा कि फारुख साहब को चुनाव लडऩा है इसलिए इस तरहत की बातें कर हैं। उन्होंने कहा उनके बेटे जब मुख्यमंत्री थे तब 100 से अधिक लड़कों की मौत हुई थी, तब तो उन्होंने कुछ नहीं कहा। वहीं, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि चुनाव नजदीक आते ही वह थोड़े से परेशान हो गए है। उनसे इस प्रकार की उम्मीद नहीं थी कि चुनाव के दवाब में अलगाववादियों की भाषा बोल रहे हो।
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने कश्मीरी युवाओं को संबोधित करते हुए कहा था कि पत्थर की ताकत क्या होती है। एक तरफ कुछ नौजवान पत्थर मारने में लगे हैं और कुछ ने पत्थर काट कर सुरंग बना दी। पीएम ने कहा कि 40 साल से कश्मीर में आतंकवाद से धरती लहूलुहान हुई है। कश्मीर के युवाओं के पास दो रास्ते हैं एक ओर टूरिज्म है दूसरी तरफ टेररिज्म है। पीएम ने कहा कि नौजवानों को टूरिज्म की ताकत समझनी होगी।
Bureau Report
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