लखनऊ: बुधवार को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ लखनऊ स्थित केजीएमसी का दौरा किया। जहां उन्होंने 56 नए वेंटिलेटर का लोकार्पण किया। इस अवसर उनहोंने कहा है कि एक डॉक्टर को तैयार करने में सरकार बहुत पैसा खर्च करती है। और इस सरकार को जनता चुनती है। इसलिए यह सरकरा की जिम्मेदारी है कि वह जनता के लिए बेहतर चिकित्सा व्यवस्था प्रदान कराए।
सीएम योगी ने कहा कि यूपी में 5 लाख नए डॉक्टरों की जरुरत है। साथ ही कहा कि डॉक्टर को अपने मरीज के प्रति संवेदनशीन होना चाहिए। इस मौके सीएम योगी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हमने जो भी वादे किए हैं, सभी पूरे होंगे। इसके अलावा हमारी पूरी कोशिश होगी कि केजीएमयू जैसी संस्थान को एम्स जैसा बनाया जा सके।
सभा में बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकारी डॉक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस से बचना चाहिए। साथ ही कहा कि एमबीबीएस के छात्रों को पहले 2 साल दूर दराज के गांवों में अपनी सेवाएं देनी चाहिए। इसके लिए ऐसा नहीं समझा जाना चाहिए सरकार इसे लेकर कानून लाए। क्योंकि इन क्षेत्रों में सीट होने के बावजूद भी डॉक्टर नहीं आते हैं। इस मौके उन्होंने सूबे में अलगे 5 सालों में 25 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की बात भी कही।
उनका कहना कि केजीएमयू मेडिकल कॉलेज को सूबे के सभी मेडिकल कॉलेजों के साथ जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री एक बेहतर टीम बनाकर अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधा देने का लक्ष्य तैयार करें। हमारी कोशिश होगी कि यहां के मरीजों को बेहतर चिकित्सा के साथ सस्ती दवा भी उपलब्ध कराई जाए। सीएम योगी ने कहा कि डॉक्टरों को अपने मरीजों से बातचीत भी करनी चाहिए। हो सके तो गरीब मरीजों की मदद भी करनी चाहिए। क्योंकि पैसा ही सबकुछ नहीं होता है। कभी -कभी दुआ भी असर दायक साबित होती है।
यूपी में सरकारी अस्पतालों पर बोलते हुए सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में जांच के नाम पर लूट मची हुई है। उनका कहना कि गोरखपुर में 450 से 500 रुपए में सिटी स्केन होती है। तो वहीं प्राइवेट में सिटी स्केन के फीस के तौर पर 1500 से 2 हजार रुपए वसूला जाता है। योगी ने कहा कि अगर देश के नागरिक का स्वस्थ ठीक रहेगा तो देश के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
Bureau Report
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