जयपुर: रणथंभौर टाइगर रिजर्व से रहस्यमयी ढंग से बाघ घायब होने का सिलसिला जारी है। एक साल में दो बार हुर्इ कैमरा ट्रेपिंग में पांच टाइगर गायब है। आशंका है कि इनका शिकार हुआ है। वन विभाग ने इस मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया। कहा, हो सकता है बाघ मध्यप्रदेश गए हों।
विन विभाग कटघरे में
रिजर्व क्षेत्र के आसपास बड़ी संख्या में होटल खुल गए हैं। बफर जोन में अवैध खनन समस्या है। टाइगर रिजर्व में मानवी गतिविधि बढ़ने आैर टाइगर लापता होना वन विभाग को कटघरे में खड़ा कर रहा है। वन्य जीव विशेषज्ञ सीधे तौर पर शिकार की आशंका से जोड़ रहे हैं।
इतने गायब फिर ये कैसे आंकड़े
नर बाघ – 25
मादा बाघ-20
शावक – 18
(वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार)
7 तक बढ़ी है टाइगर की संख्या 2014 के बाद से 211 वनरक्षक तैनात हैं 1411 वर्ग किमी में 14 में से सिर्फ एक ही वापस लौटा
टाइगर गायब होना नर्इ बात नहीं है। 2010 से 2016 तक 14 टाइगर मिसिंग रहे। इनमें से सिर्फ एक वापस लौटा। कुछ माह पहले टी-72 गुलफाम भी गायब हो गया था लेकिन यह वापस लौट आया है।
8 को किया शिफ्ट
वन विभाग ने 4 टाइगर कैलादेवी, 2 टाइगर मध्यप्रदेश के ऊनोपालपो आैर दातिया तथा एक-एक बूंदी आैर धौलपुर के जंगलों में शिफ्ट होना बताया है।
यह पहले से गायब
वर्ष मिसिंग टाइगर
2014 टी-31, टी-17, टी-14
2011 टी-40 आैर टी-29
2010 टी-27, 21, 41 का शावक
आखिर कहां हैं यह
2016 आैर 2017 की कैमरा ट्रेपिंग में टी-43, टी-63, टी-55, टी-67, टी-68 मिसिंग रहे हैं।
चार साल बाद लौटा
टी-8 का एक शावक चार वर्ष पहले चिड़ी खो से लापता हो गया था। यह एक माह पहले झूमर बावड़ी के समीप देखा गया। टी-26 का शावक 2014 में गायब हो गया था जो बाद में टाइगर रिजर्व में देखा गया।
टाइगर की आबादी बढ़ रही है। इससे टैरिटोरियल दबाव बढ़ता है। बाघ मध्यप्रदेश पहुंच जाते हैं। 5 बाघ नहीं दिख रहे हैं। वार्इ के साहू, चीफ फोरेस्टर
टाइगर मिसिंग है, इसका मतलब यह नहीं है कि शिकार हुआ है। उनके जीवित होने के बारे में भी नहीं कह सकते हैंं।
Bureau Report
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