बिलकिस बानो केस बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरकरार रखी दोषियों की सजा, मौत की सजा की मांग खारिज

बिलकिस बानो केस बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरकरार रखी दोषियों की सजा, मौत की सजा की मांग खारिजमुंबई: बिलकिस बानो दुष्कर्म और हत्या मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इन 11 दोषियों की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी है। इस मामले में सत्र न्यायालय के वर्ष 2008 के फैसले को चुनौती दी गई थी। 

न्यायमूर्ति विजया कापसे और न्यायमूर्ति मृदुला भाटकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने तीन प्रमुख्य आरोपियों के लिए मौत की सजा की मांग की थी जिसे न्यायालय ने ठुकरा दिया।

आपको बता दें कि मार्च 2002 में गोधरा दंगों के बाद कुल 17 लोगों ने बिलकिस के परिवार पर अहमदाबाद के रंधिकपुर में हमला किया था। इस दौरान 14 लोगों की हत्या कर दी गई थी। उस समय बिलकिस 19 साल की थीं और 5 महीने से गर्भवती थीं। उसके साथ गैंगरेप किया गया था। 

इस घटना में बिलकिस की 3 साल की बेटी और दो दिन के बच्चे की भी मौत हुई थी। जिसके बाद ट्रायल कोर्ट की ओर से सभी आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। विशेष अदालत ने जिन दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई उनमें जसवंतभाई नाई, गोविंदभाई नाई, शैलेश भट्ट, राधेश्याम शाह, विपिन जोशी, केशरभाई वोहानिया, प्रदीप मोरदिया, बाकाभाई वोहानिया, राजनभाई सोनी, नीतीश भट्‍ट और रमेश चंदाना शामिल हैं। 

जिसके बाद आरोपियों की ओर से बॉम्बे हाईकोर्ट में फैसले के खिलाफ अपील की थी। जनवरी 2008 को मुंबई की कोर्ट ने 11 लोगों को हत्या और गैंगरेप का आरोपी माना था।

Bureau Report

 

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