वॉशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने कहा है कि पाकिस्तान के आतंकी भारत-अफगानिस्तान में आतंकी हमले की तैयारी कर रहे हैं। अमरीका ने भारत से रिश्ते बिगाडऩे के लिए पाकिस्तान को ही जिम्मेदार बताया है। ये भी कहा है कि अगर भारत-पाक सीमा पर आतंकी हमले हुए तो रिश्ते और खराब होंगे।
यूएस के नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर डेनियल कोट्स ने सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान आतंकियों पर लगाम कसने में नाकाम रहा है। भारत का धैर्य जवाब दे रहा है। पठानकोट हमले की जांच को लेकर भी पाक का रवैया ढीला ही रहा है। इन सबके चलते दोनों देशों के संबंधों में गिरावट आई है। कोट्स के मुताबिक पाक एटमी जखीरा बढ़ाने में लगा है, ताकि जरूरत पडऩे पर इसका इस्तेमाल किया जा सके।
तनाव की वजह आतंकी हमले
तनाव की वजह 2016 में सीमा पार से हुए आतंकी हमले हैं। 18 सितंबर को उरी में आर्मी ब्रिगेड हेडक्वार्टर पर आतंकियों ने हमला किया था, जिसमें 20 जवान शहीद हो गए थे। कोट्स ने कहा कि 2017 में अगर भारत पर आतंकी हमला हो जाता है तो संबंध और खराब होंगे।
एलओसी पर फायरिंग बढ़ी
डेनियल ने कहा कि भारत पाकिस्तान से तभी बातचीत चाहता है जब वह सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद करे। एलओसी पर सीमा पार फायरिंग में इजाफा हुआ है। इसमें मोर्टार से भारी गोलीबारी होती है। इससे भी दोनों देशों के तनाव नहीं घटेगा। वार्ता से ही तनाव दूर हेागा।
भारत की मजबूती से पाक चिंतित
कोट्स ने कहा कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में अलग-थलग पडऩे की चिंता है। क्योंकि भारत के अमरीका और अन्य देशों से संबंध मजबूत हो रहे हैं। भारत की मौजूदा कूटनीति का दुनिया में व्यापक असर हो रहा है। अगर पाकिस्तान विश्व बिरादरी में अलग-थलग पड़ता है तो वह चीन की तरफ मुड़ेगा, जो कि खतरनाक साबित हो सकता है। चीन पाक को मदद देकर हिंद महासागर में मजबूत होना चाहेगा। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, जमात-उल-अहरार, आईएसआईएस-के, लश्कर-ए-झांगवी जैसे भारत ही नहीं, पाक के लिए भी खतरा बन सकते हैं।
Bureau Report
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