सैनिकों की शहादत से दुखी बुजुर्ग ने जिंदगी भर की गाढ़ी कमाई फौजियों के लिए दान कर कायम की मिसाल

सैनिकों की शहादत से दुखी बुजुर्ग ने जिंदगी भर की गाढ़ी कमाई फौजियों के लिए दान कर कायम की मिसालअहमदाबाद: फौजियों से देश को उम्मीदें तो बहुत होती हैं, पर उनके लिए मदद को कम ही लोग आगे आते रहे हैं। ऐसे में गुजरात के एक साधारण बुजुर्ग ने अपनी जिंदगी भर की गाढ़ी कमाई फौजियों के लिए दान कर मिसाल कायम की है। जबकि बड़ी हस्तियां भी इस तरह के दान से कतराती हैं। भावनगर के 84 साल के रिटायर्ड बैंक कर्मी जनार्दन भट्ट और उनकी पत्नी पद्मा ने अपनी जीवनभर की बचत पूंजी में से एक करोड़ रुपए नेशनल डिफेंस फंड को डोनेट कर दिए। 

दैत्य बनकर खड़ा है आतंक: दरअसल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से क्लर्क के पद से रिटायर हुए जनार्दन ने सीमा पर सेना के जवानों के शहीद होने की खबरें देखीं और उनका दिल पसीज गया। उन्होंने बताया कि देश के सामने पाकिस्तान समर्थित आतंक दैत्य बनकर खड़ा है। इसे देखने के बाद उन्होंने सेना के लिए कुछ करने की सोचा और  अपनी जमा-पूंजी जवानों के लिए दान कर दी।

ताउम्र दूसरों की मदद: नौकरी के दौरान बतौर यूनियन लीडर भी जनार्दन ने अपने सहकर्मियों की समस्याएं सुलझाईं। 

पहले 54 लाख रुपए दिए: इससे पहले जनार्दन और उनके साथियों ने एकसहकर्मी की मदद के लिए 54 लाख दान में दिए थे।

बचत, फंड में निवेश से मिला था रिटर्न: जनार्दन ने कमाई से काफी बचत और कई फंडों में निवेश भी किया था, जिससे उन्हें अच्छे रिटर्न मिले।

2005 से नियमित तौर पर कर रहे दान: 1993 में रिटायर हुए जनार्दन ने 2005 में अपनी शादी की 50वीं सालगिरह पर फैसला किया कि वे स्टॉक मार्केट की कमाई को नियमित तौर पर दान दिया करेंगे। दंपति की कोई संतान नहीं है। अब तक वे 1.4 करोड़ दान कर चुके हैं। हाल में नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों के लिए भी दो लाख रुपए दान में दिए।

Bureau Report 

 

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