कोटा: सीआरपीएफ कमांडेंट और कोटा के बेटे चेतन चीता को सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोक चक्र मिल सकता है। सूत्रों के अनुसार, सीआरपीएफ ने अशोक चक्र के लिए उनका नाम भेजा है।
चेतन चीता इसी साल 14 फरवरी को बांदीपुरा में मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। मुठभेड़ में आतंकियों ने चेतन चीता पर 30 गोलियां दागी थीं। जिसमें से उनके शरीर के अलग-अलग हिस्सों में कुल 9 गोलियां लगी थीं। इतनी गोलियां लगने के बाद भी उन्होंने आतंकियों पर 16 राउंड फ़ायर किए और एक आतंकी को मार गिराया।
इसके बाद उन्हें एयर एंबुलेंस के जरिए श्रीनगर के सेना अस्पताल से दिल्ली लाया गया था। जहां उन्हें एम्स के ट्रोमा सेंटर में रखा गया था। चेतन कोमा में चले गए थे। 45 दिन बाद उन्हें होश आया। लम्बे समय तक कोमा में रहने के बाद वे जिंदगी की जंग जीत गए। ठीक होकर घर लौटने के बाद भी उनका हौसला कम नहीं हुआ है।
पीएम मोदी ने भी मांगी थी दुआएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देशभर के लोगों ने उनकी जिंदगी के लिए दुआएं मांगी थीं। कोटा समेत देशभर में लोगों ने उनकी सेहत के लिए हवन-पूजन और प्रार्थनाएं कीं थी। उनके पिता रामगोपाल चीता ने बताया कि उन्हें बेटे की बहादुरी पर गर्व है।
इसलिए दिया जाता है अशोक चक्र
अशोक चक्र असाधारण वीरता के लिए प्रदान किया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को असाधारण वीरता, शूरता या बलिदान के लिए दिया जाता है।
Bureau Report
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