तवांग से चीन बॉर्डर की दूरी 10 Km घटेगी, अरुणाचल में 2 टनल बना रहा है भारत

तवांग से चीन बॉर्डर की दूरी 10 Km घटेगी, अरुणाचल में 2 टनल बना रहा है भारतईटानगर: अरुणाचल से सटी चीन बॉर्डर की दूरी कम करने के लिए भारत सेला पास में दो टनल बनाएगा। इन्हें तैयार करने का जिम्मा बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के पास है। करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई बनाई जा रहीं दोनों टनल की लंबाई 4170 मीटर होगी। इससे आर्मी के तेजपुर हेडक्वार्टर से तवांग जाने में एक घंटा कम लगेगा और भारतीय जवान किसी भी मौसम में नेशनल हाईवे 13 पर सफर कर सकेंगे। ये टनल चीन बॉर्डर की दूरी 10 किलोमीटर तक कम करेंगी। दूसरी ओर, सिक्क्म सेक्टर के डोकलाम में चीन के सड़क बनाने को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है। भूटान बॉर्डर तक जाना भी आसान होगा

– बीआरओ की ओर से सोमवार को बताया गया कि दोनों टनल बनने से तेजपुर स्थित आर्मी के 4 कॉप्स हेडक्वार्टर से तवांग जाने में एक घंटा कम वक्त लगेगा। इससे 171 किलोमीटर लंबे नेशनल हाईवे 13 (बोमडिला से तवांग) पर आवाजाही आसान होगी और सभी मौसम में यहां सफर किया जा सकेगा। साथ ही अरुणाचल स्थित ईस्टर्न हिमालय रीजन को तिब्बत के इलाकों से जोड़ने में मदद मिलेगी।

– 42 बीआरओ फोर्स के कमांडर आरएस राव ने कहा, ”हमने कामेंग के डिप्टी कमिश्नर सोनल स्वरूप से सेला में टनल बनाने के लिए जमीन मुहैया कराने के लिए बात की है। इससे नेशनल हाईवे के 12 किलोमीटर इलाके में डबल लाइन बनाए जा सकेंगी। ये काफी छोटा प्रोजेक्ट है, लेकिन असम के ओरंग होते हुए भूटान बॉर्डर तक जाने में इस्तेमाल किया जा सकेगा।”

– ”टनल तैयार हो जाने के बाद सर्दियों के मौसम में बर्फबारी दौरान भी हाईवे खुला रहेगा। इससे नॉर्थ-ईस्ट रीजन में आने वाले टूरिस्टों को भी सहूलियत होगी।”

क्या है डोकलाम विवाद?

– ये विवाद 16 जून को तब शुरू हुआ था, जब इंडियन ट्रूप्स ने सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में चीन के सैनिकों को सड़क बनाने से रोक दिया था। हालांकि चीन का कहना है कि वह अपने इलाके में सड़क बना रहा है। भारत ने 16 जुलाई को सख्त रुख अपनाते हुए कहा था कि वह इस इलाके में पीछे नहीं हट सकता। डोकलाम में चीन को सड़क बनाने नहीं दिया जाएगा। भारत ने चीन की इस वॉर्निंग को नजरअंदाज कर दिया है कि भारत अपने सैनिक वहां से तुरंत वापस बुला ले, नहीं तो स्थिति और बिगड़ सकती है। 
– इंडियन डिफेंस मिनिस्ट्री की तरफ से कहा गया है कि जब तक चीन के सैनिक सड़क निर्माण से पीछे नहीं हटते, भारतीय सैनिक नॉन काम्बैट मोड में डोकलाम में डटे रहेंगे। उधर, चीनी मीडिया ने कहा है कि भारत के साथ बातचीत की पूर्व शर्त भारतीय सैनिकों का डोकलाम से पीछे हटना है। इस मामले में मोलभाव के लिए कोई जगह नहीं है।

बॉर्डर पर दोनों देशों के सैनिक 100 मीटर पर आमनेसामने
– इंडियन आर्मी के जवानों ने चीनी सैनिकों के अड़ियल रवैये को देखते हुए सिक्किम के डोकलाम इलाके में 9 जुलाई से अपने तंबू गाड़ रखे हैं। बॉर्डर पर दोनों देशों की 60-70 सैनिकों की टुकड़ी 100 मीटर की दूरी पर आमने-सामने डटी हैं। दोनों ओर की सेनाएं भी यहां से 10-15 km की दूरी पर तैनात हैं।

भारत का क्या है तर्क?
– नई दिल्ली ने चीन को बताया है कि चीन के सड़क बनाने से इलाके की मौजूदा स्थिति में अहम बदलाव आएगा, भारत की सिक्युरिटी के लिए ये गंभीर चिंता का विषय है। रोड लिंक से चीन को भारत पर एक बड़ी मिलिट्री एडवान्टेज हासिल होगी। इससे नॉर्थइस्टर्न स्टेट्स को भारत से जोड़ने वाला कॉरिडोर चीन की जद में आ जाएगा।
– इस एरिया का भारत में नाम डोका ला है जबकि भूटान में इसे डोकलाम कहा जाता है। चीन दावा करता है कि ये उसके डोंगलांग रीजन का हिस्सा है। भारत-चीन का जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 3488 km लंबा बॉर्डर है। इसका 220 km हिस्सा सिक्किम में आता है।

Bureau Report

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