पटना: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को बिहार से राज्यसभा भेजने का प्रस्ताव दिया। यादव ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारतीय जनता पार्टी ने मायावती को राज्यसभा में दलित के मुद्दे पर बोलने के लिए मौका नहीं दिया जिसके कारण इसके विरोध में उन्हें राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ा।
उन्होंने कहा कि मायावती उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में दलितों के खिलाफ अत्याचार की घटना पर राज्यसभा में बोलना चाहती थी, लेकिन भाजपा ने उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया। राजद सुप्रीमो ने कहा कि मायावती ने इस्तीफा देकर एक साहसिक कदम उठाया है जिसकी वह सराहना करते हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा लोकतंत्र का गला घोंटना चाहती है , लेकिन उनकी पार्टी किसी कीमत पर ऐसा नहीं होने देगी।
यादव ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को बोलने की आजादी है और किसी की आवाज को संख्या बल के आधार पर दबाया नहीं जा सकता है। चाणक्य ने कहा था कि वह सदन सदन नहीं है जिसमें अल्पमत वाले को बहुमत के लोग बोलने का मौका नहीं दें।
राजद प्रमुख ने कहा कि मायावती यदि चाहे तो उनकी पार्टी उन्हें बिहार से राज्यसभा भेजने को तैयार है। उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ लड़ाई में उनकी पार्टी मायावती के साथ मजबूती से खड़ी रहेगी।
इस बीच राजद के वरिष्ठ नेता और बिहार के वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दिकी ने भी मायावती को राज्यसभा में बोलने का मौका नहीं देने के लिए भाजपा की कड़ी आलोचना की । उन्होंने कहा कि भाजपा अपने विरोधियों की आवाज को दबाने के लिए हर हथकंडा अपना रही है। यह जनता भी समझ रही है ।
Bureau Report
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