टोंक:जिले में बरसात का दौर अचानक थमने के साथ ही गर्मी की तल्खी बढ़ गई है। ऐसे में गत दिनों खेतों में बुवाई कर चुके किसान चिंतित हैं। बीज जलने के कारण उन्हें फिर से बुवाई करनी पड़ेगी। इससे आर्थिक नुकसान होगा। गत 29 जून के बाद से ही जिले भर में बरसात नहीं हुई है। जबकि तापमान बढ़ता जा रहा है। ऐसे में सिंचाई नहीं होने से खेतों में डाला गया बीज जल रहा है।
इधर, कृषि विभाग ने खरीफ की बुवाई का लक्ष्य दो लाख 50 हजार हैक्टेयर तय किया है, लेकिन जल्द ही बरसात नहीं हुई तो बुवाई का ये रकबा घट जाएगा। इससे विभाग तथा किसान चिंतित हैं। गत 28 जून की रात व 29 जून दिनभर बरसात का दौर चला। सर्वाधिक बरसात निवाई में 95, मालपुरा में 92, टोडारायसिंह में 82 एमएम दर्ज की गई थी। इसके बाद से सप्ताह गुजर गया। एक बूंद नहीं बरसी। गर्मी के तेवर जून की तरह तेज हो गए।
ये कर ली थी तैयारी
जिले में करीब ढाई लाख हैक्टेयर में खरीफ की बुवाई की जा रही है। इसमें ज्वार, बाजरा, मक्का, दलहन, मूंग, उड़द, मोठ, चौंला, अरहर, तिलहन, मूंगफली, सोयाबीन, अरण्डी, गन्ना, कपास, ग्वार आदि फसलें शामिल हैं। किसान इसलिए भी खुश थे कि उन्हें रबी में मौसम का भरपूर साथ मिला था, लेकिन इन दिनों पड़ रही तेज गर्मी से वे चिंतित हो गए हैं। इधर, बरसात रुकने के साथ ही खाद-बीज की दुकानों पर भी बिक्री घट गई है। एक सप्ताह पहले तक दुकानों में भीड़ लगी रहती थी, अभी व्यापारी बैठे रहते हैं।
Bureau Report
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