यूजीसी ने किया मानदंड में बदलाव: नेट का रिजल्ट अब छह फीसदी, ज्यादा होंगे पास

यूजीसी ने किया मानदंड में बदलाव: नेट का रिजल्ट अब छह फीसदी, ज्यादा होंगे पासबीकानेर: विवि एवं कॉलेजों में नियुक्ति के लिए अनिवार्य राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) में अब पहले से ज्यादा छात्र पास होंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने प्रत्येक विषय और श्रेणी में टॉप 15 फीसदी छात्रों को नेट उत्तीर्ण करने के नियम को खत्म कर दिया है। नए नियमों में जितने भी स्टूडेंट परीक्षा में शामिल होंगे, उसके छह फीसदी छात्र नेट में उत्तीर्ण घोषित होंगे।

छह फीसदी में कम या इससे ज्यादा छात्र नेट में सफल नहीं किए जाएंगे। यूजीसी ने नेट के अपने  मानदंडों में इस साल से बदलाव कर दिया है। गत दो वर्षों में परीक्षा में क्वालिफाई करने वाले छात्रों की कम संख्या को देखते हुए इस बार निर्णय किया गया है कि न्यूनतम छह प्रतिशत विद्यार्थियों को क्वालिफाई किया जाएगा, क्योंकि महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय में शिक्षकों की अधिकतर सीटें रिक्त हैं। 

अभी तक यह था मानक

नेट में 250 अंकों के तीन पेपर होते हैं। पहला और दूसरा पेपर सौ-सौ नंबर,जबकि तीसरा पेपर 250 अंक का होता है। वर्तमान नियमों में सामान्य वर्ग के छात्रों को पहले, दूसरे और तीसरे पेपर में 40-40 फीसदी, जबकि सभी में औसत 50 फीसदी अंक लाने अनिवार्य हैं। 

ओबीसी, एससी-एसटी और दिव्यांग छात्रों के लिए  यह 35-35 फीसदी और औसत 40 प्रतिशत है। ये अंक लाने वाले छात्रों की मेरिट तैयार होती है। इसमें से प्रत्येक विषय में श्रेणीवार टॉप-15 स्टूडेंट उत्तीर्ण घोषित किए जाते हैं।

अब विषय और श्रेणी में टॉप-15 फीसदी स्टूडेंट का फॉर्मूला नहीं चलेगा। गत वर्ष तक नेट साल में दो बार होती थी, परन्तु इस वर्ष एक ही बार होगी। परीक्षा फॉर्म अगस्त माह में भरे जाएंगे और परीक्षा नवम्बर में होगी।

क्वालिफाई प्रतिशत 

  वर्ष                          क्वालिफाई (प्रतिशत में)

जून-2015                     4.83

दिसम्बर-2015               4.96

जनवरी-2016                3.99

जुलाई-2016                  4.08

कुल औसत                    4.46

नेट में प्रतिशत बढ़ाने से महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थानों में योग्यताधारी अभ्यर्थी उपलब्ध होने से शैक्षिक एवं अनुसंधान में गुणवत्ता अभिवृद्धि होगी। इसके साथ ही तारीख परिवर्तन की सूचना पूर्व में होनी चाहिए। 

डॉ. चन्द्रशेखर श्रीमाली, राजस्थान कोऑर्डिनेटर, एआईपीसी

यूजीसी नेट में शीर्ष 15 प्रतिशत अभ्यार्थियों को क्वालिफाई करने का नियम लागू करना चाहिए, तभी मांग के हिसाब से पूर्ति संभव हो पाएगी। देशभर के महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय के हिसाब से नेट क्वालिफाइड अभ्यर्थी बहुत कम हैं।

डॉ. राजेन्द्र श्रीमाली, शिक्षाविद

अधिक उपलब्ध होंगे

यूजीसी के नेट में बैठने वाले अभ्यर्थियों का छह प्रतिशत क्वालिफाई करने से अब अधिक संख्या में योग्यताधारी अभ्यर्थी उपलब्ध हो सकेंगे। 

तरुण चौधरी, नेट योग्यताधारी 

Bureau Report

 

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*