इस जज ने सुनाया राम रहीम का फैसला, कोर्ट से लेकर जेल तक साथ थी ये बेटी

इस जज ने सुनाया राम रहीम का फैसला, कोर्ट से लेकर जेल तक साथ थी ये बेटीजींद: साध्वी यौन शोषण मामले के आरोपी बाबा राम रहीम को करीब डेढ़ दशक बाद दोषी करार का ऐतिहासिक फैसला जज जगदीप ने सुनाया है। जगदीप वह हरियाणा के जींद जिले के भैणी गांव निवासी हेडमास्टर रहे बलबीर सिंह के बेटे हैं। खबरों के मुताबिक जब वह गुरमीत को फैसला सुना रहे थे तो कोर्ट में उनके साथ उनकी गोद ली हुई बेटी हनीप्रीत भी साथ थी।
 
हेलीकॉप्टर में राम रहीम के साथ में थी उनकी ये बेटी…
बाबा राम रहीम सुबह 9 बजकर 5 मिनिट पर करीब 800 गाडियाों के साथ सिरसा से पंचकुला के लिए निकले थे। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बताया जाता हैं कि बाबा के इस पांच घंटे के सफर में उनके साथ उनकी गोद ली हुई बेटी हरमनप्रीत साथ में मौजूद थी। बाबा जब कोर्ट में पहुंचे थे उनके साथ में हरमनप्रीत भी साथ में थी। जब आर्मी के हेलीकॉप्टर से राम रहीम को पुलिस प्रशिक्षण केंद्र (पीटीसी) रोहतक के अंदर अस्थायी जेल में पांच बजकर एक मिनट पर हेलीपेड पर उतारा गया। तो उनके साथ हरमनप्रीत भी उतरी। हनीप्रीत राम रहीम के साथ फिल्मों में काम कर चुकी है। हनीप्रीत ने गुरमीत की फिल्म में एक्टिंग के साथ-साथ उसका डायरेक्शन भी किया था।
 
पिता हो चुकी है मौत, फिर भी गांव आते हैं जगदीप
जगदीप सिंह ने अपनी प्रारंभिक आठवीं कक्षा तक की शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल से की थी। इसके बाद वे बाहर पढऩे चले गए।
पंजाब यूनिवर्सिटी में कानून की पढ़ाई कर वर्ष 2012 में ज्यूडिशियल सर्विस ज्वाइन की। अब वे सीबीआई कोर्ट पंचकूला में जज हैं।
ज्यूडिशियल सर्विस में आने से पहले जगदीप सिंह पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के वकील थे।
ग्रामीण पृष्ठभूमि से संबंध रखने वाले जस्टिस जगदीप सिंह दो भाइयों में छोटे हैं।
उनके बड़े भाई डा. राजबीर सिंह लोहान लोक संपर्क विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर गुडग़ांव में तैनात हैं। उनके बेटे पुलिस विभाग में डीएसपी पद पर कार्यरत हैं।
करीब तीन साल पहले जगदीप सिंह के पिता की मौत हो चुकी है। गांव में दोनों भाइयों में कोई नहीं रहता। खेत की जमीन को वे ठेके पर देते हैं।
उनका मकान पिछले समय से बंद है। पहले उनके पिता यहां पर रहते थे।
 
सामाजिक कार्यों में रूचि
ग्रामीणों की मानें तो जस्टिस जगदीप सिंह काफी मिलनसार हैं। उनकी रूचि सामाजिक कार्यों में ज्यादा रहती है।
करीब एक माह पहले वे गांव में आए तो ग्रामीणों के साथ मिलकर स्कूल व तालाब के आसपास पौधे लगवाए।
समय-समय पर वे गांव में आते जाते रहते हैं और आसपड़ौस व ग्रामीणों को मिलते हैं और खासकर बुजुर्गों को पूरा मान सम्मान देते हैं।
जो भी उनके सामने आता है उसी से वे राम-राम कर हाल चाल जानने की कोशिश करते हैं। जगदीप के चाचा इंद्र सिंह का एक लड़का भी नौकरी की वजह से बाहर ही रहता है।
 
इस हादसे में हीरो बने थे जज जगदीप
सिंह सितंबर 2016 में सुर्खियों में आए, जब उन्होंने एक हादसे में घायल हुए 4 लोगों की जिंदगी बचाई।
दरअसल, वे हिसार से पंचकूला जा रहे थे। रास्ते में एक एक्सीडेंट हो गया। 4 लोग घायल हो गए। जगदीप सिंह ने अपनी गाड़ी रुकवाई और घायलों को गाड़ी से निकाला।
उन्होंने एंबुलेंस को कॉल की, ले​किन एंबुलेंस नहीं आई। इसलिए उन्होंने एक गाड़ी रुकवाई और चारों घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
 
Bureau Report
 

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