रूस: दुनिया को परमाणु युद्ध से बचाने वाले रूसी सैन्य अधिकारी स्टैनीस्लैव पेट्रोव का 77 की उम्र में निधन हो गया है. पेट्रोव के फैसले से ही अमेरिका और रूस के बीच परमाणु युद्ध होने से रुका था. 26 सितंबर, 1983 की सुबह यदि पेट्रोव अपने सीनियर्स से एक जानकारी छिपाने का फैसला नहीं लेते तो दुनिया को परमाणु युद्ध का विनाश देखना पड़ता. पेट्रोव को उनके इस कदम के लिए संयुक्त राष्ट्र के सम्मान सहित कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले.
दरअसल, 1983 में शीत युद्ध के दौरान अमेरिका और रूस के बीच तनाव काफी बढ़ चुका था. अमेरिका की तरफ से किसी भी तरह के हमले की स्थिति में रूस की ओर से अपने अधिकारियों को परमाणु हमला करने के निर्देश थे. 26 सितंबर, 1983 की सुबह स्टैनीस्लैव पेट्रोव ड्यूटी पर थे, तभी वहां के कंप्यूटर ने उन्हें कुछ आंकड़े दिखाए जिसके मुताबिक, अमेरिका की ओर से रूस पर मिसाइल दागने की तैयारी थी.
नियम के अनुसार इस सूचना को पेट्रोव को उसी समय सोवियत मिलिट्री के बड़े अधिकारियों तक पहुंचाना था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं करने का फैसला किया. एक इंटरव्यू में पेट्रोव ने अपने इस फैसले के बारे में बात करते हुए बताया था, ‘मुझे बस टॉप कमांडर को एक कॉल करना था और उन्हें इसकी सूचना देनी थी. मेरी जानकारी पर कोई सवाल नहीं पूछा जाता और कुछ ही मिनट में रूस की ओर से परमाणु हमला कर दिया जाता. पर मैं खुद को ऐसा करने के लिए तैयार नहीं कर पाया.’
कमांडर से बात करने की जगह पेट्रोव ने अपने एक अन्य सीनियर को कॉल किया और कंप्यूटर के खराब होने की सूचना दी. आंकड़ों को आए आधा घंटा हो गया लेकिन पेट्रोव तक रूस पर किसी भी तरह के मिसाइल हमले की सूचना नहीं मिली, जिसके बाद उन्होंने राहत की सांस ली. बाद में पता चला कि बादलों पर पड़ रही सूर्य की रोशनी को मशीन ने मिसाइल की रेज की तरह फीड कर लिया था.
घटना के कई सालों बाद पेट्रोव के इस फैसले के बारे में दुनिया को पता चला. जिसके बाद सभी ने उनकी तारीफ करते हुए सम्मानित किया, क्योंकि उनके इस फैसले ने पूरी दुनिया को परमाणु हमले के विनाश से बचा लिया था.
दुनिया के इस हीरो की मृत्यु की खबर भी उनकी मौत के कई महीनों बाद सामने आई. बताया जा रहा है कि 7 सितंबर को उनका जन्मदिन था. इस पर एक रिपोर्टर ने उन्हें कॉल किया, तब उन्हें पेट्रोव के बेटे से उनके मई महीने में ही गुजर जाने की सूचना मिली. दुनिया को बचाने वाले इस हीरो को श्रद्धांजलि देते हुए रिपोर्टर ने ब्लॉग लिखा तब दुनिया को पेट्रोव के निधन के बारे में पता चला, जिसके बाद मीडिया में इस बारे में दिखाया गया.
Bureau Report
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