नईदिल्ली: नोटबंदी मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सरकार का समर्थन करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कहा कि इससे देश को लंबे समय में फायदा होगा. इसके साथ ही संघ ने डोकलाम गतिरोध से निपटने को लेकर केंद्र की सराहना की और कहा कि चीनी सैनिकों की वापसी से भारत की ‘प्रतिष्ठा’बढ़ी है. हालांकि इससे पहले संघ से जुडे कुछ संगठनों ने पांच सौ और एक हजार के पुराने नोटों को बंद करने के मुद्दे पर सरकार की आलोचना की थी। यह पहली बार है जब संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नोटबंदी का स्पष्ट तौर पर समर्थन किया है.
आरएसएस प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा कि चीन ने विगत में कभी भी इस प्रकार का हावभाव नहीं दिखाया था. आरएसएस समन्वय समिति की तीन दिवसीय बैठक के बाद वैद्य ने दावा किया, डोकलाम से चीनी सैनिकों की वापसी के बाद भारत और उसके सशस्त्र बलों की प्रतिष्ठा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ी है. उन्होंने कहा कि चीन अतीत में ऐसे ‘दुस्साहसों’ में शामिल रहा है, लेकिन यह ‘पहली बार’ था कि भारत ने अपनी स्थिति ‘निर्णायक ढंग से’ प्रस्तुत की.
वैद्य ने कहा कि भारत दृढ़तापूर्वक डटा रहा और इसके फलस्वरूप चीन को अपने स्थान से वापस होना पड़ा. वैद्य ने कहा कि यह भी चर्चा की गयी कि किस प्रकार भारत की स्थिति को मजबूत बनाया जाए क्योंकि विश्व तेजी से बदल रहा है और एशिया के घटनाक्रम केंद्र में हैं.
उन्होंने कहा कि आर्थिक नीति से संबंधित मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की गई तथा संघ से जुड़े संगठनों ने भी आज समाप्त हुई तीन दिवसीय बैठक में अपने विचार साझा किए. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के फैसले से देश को लंबे समय में फायदा होगा. यह पहला मौका है जब संघ के एक शीर्ष पदाधिकारी ने स्पष्ट रूप से नोटबंदी का समर्थन किया है.
सस्ते चीनी उत्पादों के आयात के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आरएसएस विदेशी उत्पादों के बहिष्कार में स्वदेशी जागरण मंच का समर्थन करता है. उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव या सरकार के कामकाज के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई. बैठक में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी भाग लिया.
Bureau Report
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