पटना: बिहार कांग्रेस में जारी उठापटक के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी की छुट्टी हो सकती है. कांग्रेस विधायकों ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मिलकर अशोक चौधरी पर पार्टी तोड़ने का आरोप लगाया है. वहीं अध्यक्ष अशोक चौधरी ने ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के नेताओं पर पूरे विभाजन की कहानी की आड़ में उन्हें हटाने की साजिश रचने का आरोप लगाया.
दरअसल, बिहार कांग्रेस विधायक गुरुवार को दिल्ली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिले और राज्य में जारी नेतृत्व संकट को सुलझाने की अपील की. विधायकों ने राहुल गांधी से 2019 लोकसभा चुनाव के लिए आरजेडी के साथ गठबंधन पर भी जल्द फ़ैसला करने को कहा. सूत्रों के मुताबिक़- कांग्रेस विधायकों ने राहुल गांधी से आरजेडी के साथ गठबंधन ख़त्म करने की अपील की. इस बैठक से अशोक चौधरी के अलावा कई कांग्रेसी विधायक भी ग़ायब रहे, जिन्हें राहुल गांधी ने बुलाया था.
चौधरी का कहना है कि यह पार्टी विधायकों के टूटने को खबर उन्हें हटाने के लिए ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के कुछ नेताओं ने बिहार कांग्रेस में दूसरे दल से आए नेताओं के साथ मिलकर रची है.अशोक का कहना है कि उनके पिता ने 50 वर्षों तक पार्टी की सेवा की और वे खुद 25 सालों से पार्टी में सक्रिय हैं, तब उन पर शक करना क्या लाज़िमी है? हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी और गांधी परिवार के प्रति उनकी निष्ठा रही है इसलिए राहुल गांधी उनके भविष्य पर कोई भी निर्णय ले सकते हैं.
बिहार में जब अशोक चौधरी अध्यक्ष बने तब राज्य विधानसभा में विधायकों की संख्या चार से 27 हुई. वहीं विधान परिषद में शून्य से 6 विधान पार्षद हुए. साल 2015 के विधानसभा चुनाव में जब लालू यादव 25 सीट देने से ज़्यादा देने के लिए तैयार नहीं थे तब नीतीश कुमार के साथ तालमेल कर 40 सीटें लीं. नीतीश के साथ मधुर संबंधों के कारण अशोक चोधरी हमेशा पार्टी के अंदर अपने विरोधियों के निशाने पर रहे.
Bureau Report
Leave a Reply