कोलकाता: पश्चिम बंगाल में मुहर्रम पर भगवान दुर्गा की मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाने के मामले मे कोलकाता हाई कोर्ट ने ममता बनर्जी की सरकार को फटकार लगाई है. कोलकाता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच ने कहा, ‘कुछ भी गलत होने की आशंका के आधार पर धार्मिक मामलों पर बंदिश नहीं लगा सकते हैं.’ कोर्ट ने ममता सरकार को फटकार लगाते हुए कहा, ‘आपके पास अधिकार हैं, पर असीमित नहीं. आप सभी नागरिकों को बराबरी की नजरों से देखें.’ मालूम हो कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुहर्रम पर दुर्गा मूर्ति के विसर्जन पर रोक लगा दी थी. दरअसल इस साल भी पिछले साल की तरह ही मोहर्रम और दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन एक ही दिन पड़ रहे हैं.
इस मसले पर बुधवार को ममता बनर्जी ने दुर्गा पूजा आयोजकों, मुस्लिम समुदाय और अन्य धर्मों के नेताओं की एक बड़ी बैठक की. इसके बाद उन्होंने मूर्ति विसर्जन को लेकर जो कुछ आदेश जारी किए जिन्हें लेकर विवाद हो गया. बीजेपी ने इस पर कड़ा एतराज जताया. इसके बाद ममता ने अपने आदेश को लेकर ट्वीट किया.
बैठक में ममता बनर्जी ने कहा था कि चार दिन तक चलने वाले दुर्गा पूजा उत्सव की समाप्ति के बाद 30 सितंबर को होने वाले दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन के लिए शाम 6 बजे तक की अनुमति दी जाएगी और इसके बाद यह सीधे 2 अक्टूबर को, मोहर्रम की समाप्ति के बाद, फिर से शुरू किया जा सकेगा. 1 अक्टूबर को मोहर्रम के चलते ताज़िए निकाले जाएंगे. उन्होंने कहा था- कुछ लोग धार्मिक आधार पर दिक्कत पैदा करने की कोशिश कर सकते हैं. हर धर्म हमारा है. लेकिन यदि किसी पूजा पंडाल के पास से गुजरते हुए जुलूस के चलते समस्या हो सकती है तो इससे हम प्रभावित हो सकते हैं.
हालांकि जब ममता के आदेश को लेकर विवाद बढ़ा तो उन्होंने ट्वीटर पर सफाई दी कि “मुहर्रम के दिन 24 घंटे की अवधि को छोड़कर, विसर्जन 2 , 3 और 4 अक्टूबर को हो सकता है.”
बता दें पिछले साल भी इसी तरह राज्य सरकार ने मूर्ति विसर्जन पर प्रतिबंध जारी किया था. पिछले साल 11 अक्टूबर को दशहरा था और 13 अक्टूबर को मोहर्रम. ममता के इस फैसले के खिलाफ कोलकाता हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिस पर सुनवाई के दौरान कोलकाता हाई कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई थी.
Bureau Report
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