उड़ी: पिछले साल सितंबर में उड़ी आतंकी हमले और उसके बाद सीमापार सर्जिकल स्ट्राइक के तकरीबन एक साल बाद उस वक्त नॉर्थर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने पहली बार खामोशी तोड़ी है. जनरल हुड्डा ने ही उस वक्त सफल सर्जिकल स्ट्राइक की पूरी योजना बनाई थी और उन्हीं के नेतृत्व में इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया.
इंटरव्यू में अब रिटायर्ड जनरल हुड्डा ने कहा कि वह बहुत ही जटिल ऑपरेशन था क्योंकि एक ही रात में हमको कई लक्ष्यों पर निशाना साधना था. उस रात हम नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार कर पाकिस्तान 10 कॉर्प्स (एरिया) में पहुंचे और उनको बिल्कुल हैरान कर दिया.
इसके साथ ही कहा कि इस ऑपरेशन का सबसे अहम हिस्सा आतंकियों के सफाये के साथ ही सुरक्षित वापसी भी था. ऐसा इसलिए क्योंकि यदि हम सैकड़ों आतंकियों का मार गिराते लेकिन यदि हमारा एक भी सैनिक पीछे छूट जाता तो यह मिशन असफल होता. जनरल हुड्डा ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन की रात 28-29 सितंबर, 2016 की पूरी रात बेचैनी में कटी. तसल्ली तभी मिली जब सुबह हर जगह से पूर्ण रूप से सफल ऑपरेशन की रिपोर्ट आने लगी.
सेना की तैयारी
जनरल हुड्डा ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की तरफ से संभावित कार्रवाई के लिए भी सेना ने तैयारी कर ली थी लेकिन जब पाकिस्तान ने उस स्ट्राइक को स्वीकारने से ही इनकार कर दिया तभी हम समझ गए कि मनोबल के लिहाज से हम लोग जंग जीत गए.
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आर्मी भविष्य में इस तरह के सर्जिकल स्ट्राइक कर सकती है क्योंकि अब कांच की दीवार ढह चुकी है और हमारे विशेष बल को इससे इस बात का अद्भुत आत्मविश्वास मिला है कि खतरनाक क्षेत्र में ऐसे ऑपरेशन को कुशलता से सफलतापूर्वक अंजाम दिया जा सकता है.
Bureau Report
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