नईदिल्ली/शिमला: शानदार बहुमत के साथ हिमाचल प्रदेश में सत्ता में वापसी करने वाली भाजपा राज्य में मुख्यमंत्री के चुनाव के लिए आज (शुक्रवार को) मंथन कर रही है. इसके शिमला में पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक निर्मला सीतारमण और नरेन्द्र सिंह तोमर आरएसएस नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं, ताकि एक नाम पर सहमति बन सके. प्रेम कुमार धूमल के सुजानपुर सीट से चुनाव हारने के बाद पार्टी के सामने संकट की स्थिति बन गई है कि किसे सीएम बनाया जाए. ऐसे में इस बैठक के बाहर धूमल के समर्थकों ने नारेबाजी कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि धूमल को ही राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जाए.
हालांकि संकेतों के मुताबिक, पांच बार के विधायक जयराम ठाकुर को इस पद की दौड़ में सबसे आगे देखा जा रहा है.
भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक निर्मला सीतारमण और नरेन्द्र सिंह तोमर पार्टी के नव निर्वाचित विधायकों से मिलने के लिए गुरुवार को शिमला पहुंचे थे. वे दोनों उनके विचार जानने और एक नए मुख्यमंत्री के नाम पर आमराय बनाने के लिए यहां आए हैं. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी में इस बात पर पूरा जोर दिया जा रहा है कि एक निर्वाचित विधायक राज्य में सरकार का नेतृत्व करें. लिहाजा, आज नए नेता के नाम की घोषणा किए जाने की संभावना है.
दरअसल, सुजानपुर से भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल की हार ने हिमाचल प्रदेश में इस पद के लिए पार्टी के अन्य नेताओं का मार्ग प्रशस्त कर दिया. वह दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा के नाम की भी चर्चा है. वह इसी राज्य से हैं और राज्यसभा सदस्य हैं और फिलहाल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का दायित्व संभाल रहे हैं. राज्य में मुख्यमंत्री कौन हो, इसी सिलसिले में सीतारमण और तोमर ने पार्टी की प्रदेश इकाई की कोर कमेटी से मुलाकात की, जिसमें धूमल, प्रदेश पार्टी प्रमुख सतपाल सिंह सत्ती और राज्य से सभी पांच सांसद तथा संगठन सचिव पवन राणा शामिल रहे. उन्होंने कोर ग्रुप के साथ बैठक करने से पहले पीटरहॉफ में कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया.
इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री धूमल और जयराम ठाकुर के समर्थकों ने पीटरहॉफ पहुंचने पर अपने-अपने नेताओं के समर्थन में नारे भी लगाए. पीटरहॉफ में भारी भीड़ जुटी थी, लेकिन इस बारे में कोई सुराग नहीं था कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा.
पार्टी सूत्रों ने बताया था कि पर्यवेक्षकों ने विधायकों से एक-एक कर मुलाकात की, ताकि उनके विचार जान सकें. सभी नवनिर्वाचित विधायकों की एक बैठक में आमराय से नेता चुना जाएगा.
पार्टी ने 68 सदस्यीय विधानसभा में 44 सीटें जीती हैं. इस बीच, धमूल को मुख्यमंत्री बनाने की कोशिशें भी गति पकड़ रही हैं. दरअसल, भाजपा के तीन विधायकों ने उनके लिए अपनी सीट खाली करने की पेशकश की है. वहीं, पार्टी के कद्दावर नेता और कांगड़ा से लोकसभा सदस्य शांता कुमार सहित कई अन्य नेताओं ने इस कदम का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिला है और पार्टी का नेतृत्व करने के लिए कई नेता सक्षम हैं. इसके अलावा एक हारे हुए नेता के चयन से गलत संकेत जाएगा.
Bureau Report
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