नईदिल्ली: सरकारी नौकरी वालों को सरकार बड़ी खुशखबरीदेने की तैयारी कर रही है. पिछले काफी दिनों से चर्चा है कि कर्मचारियों को 1 अप्रैल से सातवें वेतन आयोग के तहत बढ़ी हुई सैलरी मिलेगी. केंद्र की मोदी सरकार सरकारी कर्मचारियों के लिए कम से कम वेतन को 18 हजार से 21 हजार तक रखने की योजना बना रही है. वित्त मंत्री अरुण जेटली भी जुलाई 2016 में संसद में इसकी घोषणा कर चुके हैं. वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, अगले महीने यानी अप्रैल से इस फैसले को मंजूरी मिल सकती है. केंद्र सरकार कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से आगे बढ़कर फैसला कर सकती है. हालांकि, इस बीच एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है.
अगला वेतन आयोग नहीं आएगा
सूत्रों की मानें तो सातवें वेतन आयोग के बाद अगला वेतन आयोग नहीं आएगा. यह बेहद चौंकाने वाली खबर है. हमारी सहयोगी अंग्रेजी वेबसाइट जी बिजनेस के मुताबिक, सरकार इस दिशा में काम कर रही है कि 68 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 52 लाख पेंशन धारियों के लिए एक ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जिसमें 50 फीसदी से ज्यादा डीए होने पर सैलरी में ऑटोमैटिक वृद्धि हो जाए. इस व्यवस्था को ‘ऑटोमैटिक पे रिविजन सिस्टम’ के नाम से शुरू किया जा सकता है. कर्मचारियों का मानना है कि वेतन वृद्धि की मौजूदा सिफारिशों से उनके लिए सम्मानपूर्वक जीना मुश्किल होगा. अब सवाल यह है कि सातवें वेतन आयोग की यह उलझन कैसे सुलझेगी. इसके लिए फिलहाल 1 अप्रैल तक प्रतीक्षा करनी होगी.
1 अप्रैल से मिलेगी बढ़ी हुई सैलरी
मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि सरकारी कर्मचारियों को यह खुशखबरी अप्रैल में मिलने वाली है. दावा यह भी है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के मिनिमम पे स्केल में 3000 रुपए की बढ़ोतरी होगी. यानी 18,000 रुपए के बजाय अब मिनिमम बेसिक पे 21,000 रुपए होगी. जिसे 1 अप्रैल 2018 से लागू किया जा सकता है.
फिटमेंट फैक्टर भी बढ़ेगा
फिटमेंट फैक्टर को भी 2.57 गुना से बढ़ाकर 3 गुना किया जा सकता है. कर्मचारियों को इसका फायदा एक अप्रैल 2018 से मिल सकता है. हालांकि, केंद्रीय कर्माचरियों की मांग है कि उनकी न्यूनतम सैलरी को 18,000 रुपए महीने बढ़ाने के बजाय 26,000 रुपए महीने की जाए. इसके अलावा फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 गुना से बढ़ाकर 3.68 गुना कर दिया जाए.
निम्न स्तर के कर्मचारियों को होगा फायदा
एक अधिकारी ने बताया कि वित्त मंत्री अरुण जेटली मध्य स्तर के कर्मचारियों के लिए वेतन वृद्धि के बजाय निम्न स्तर के कर्मचारियों को चुनना पसंद करेंगे. इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यापक मध्य-स्तरीय कर्मचारियों को ज्यादा वृद्धि नहीं दिखाई देगी, क्योंकि, आय के ध्रुवीकरण के लंबे समय से चलने वाले रुझान और केंद्रीय सरकार के विभागों में सिकुड़ते मध्य स्तर को देखते हुए ऐसा लगता है.
किसे मिलेगा कितना फायदा
- वो केंद्रीय कर्मचारी जो पे लेवल मैट्रिक्स 1 से 5 के बीच आते हैं उनकी कम से कम सैलरी 18 हजार से 21 हजार के बीच हो सकती है.
- नरेंद्र मोदी सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को अगले महीने यानी अप्रैल में लागू कर सकती है.
- पहले ऐसी खबरें थीं कि केंद्र सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से ज्यादा सैलरी बढ़ाने के पक्ष में नहीं है. केंद्रीय कर्मचारियों की यूनियन ने भी आरोप लगाया था कि अब तक जितने भी वेतन आयोग आए हैं उनमे सातवें वेतन आयोग ने सबसे कम सैलरी बढ़ाने की सिफारिश की है.
- सरकारी कर्मचारियों की मानें तो वेतन में करीब तीन गुना वृद्धि अच्छा है, लेकिन यह उनकी मांगों के अनुरूप नहीं है. कर्मचारी यूनियनों ने 3.68 गुना इजाफे की मांग की थी, जिससे न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए होता.
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