नईदिल्ली: मोसुल में लापता हुए 39 भारतीयों में से 38 के शवों का डीएनए सैंपल मैच हो गया है. यह जानकारी राज्यसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दी. उनके अनुसार इराक में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने इन सभी का पहले अपहरण किया और उसके बाद मारकर दफना दिया. इन शवों की पहचान के लिए पंजाब, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार सैंपल भेजे गए थे. सबसे पहले संदीप नाम के लड़के का सैंपल मैच हुआ. मारे गए सभी भारतीयों के शव अमृतसर एयरपोर्ट लाए जाएंगे. मृतकों में से 31 पंजाब, 4 हिमाचल और बाकी पश्चिम बंगाल-बिहार के हैं. इसके साथ ही सुषमा स्वराज ने कहा कि जनरल वीके सिंह मृतकों के शवों को लेने के लिए इराक जाएंगे. जिस प्लेन में इनको लाया जाएगा, वह सबसे पहले अमृतसर, उसके बाद पटना और कोलकाता जाएगा.
इससे पहले पिछले साल इन लोगों के मारे जाने के संबंध में कई रिपोर्ट आई थीं. इसके जवाब में 26 जुलाई को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लोकसभा में बयान दिया था. अपने बयान में उन्होंने कहा था कि इराक में लापता भारतीयों के मारे जाने के सबूत नहीं मिले हैं. मैंने लापता भारतीयों के मामले में कभी देश को गुमराह नहीं किया है. उन्होंने कहा कि गुमराह करने से मुझे या मेरी सरकार को क्या फायदा होगा. सुषमा ने कहा कि इराक ने कभी नहीं कहा कि लापता भारतीय मारे गए है. उस वक्त सुषमा ने ये भी बताया था कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि लापता भारतीय बदरूस जेल में बंद थे. उन्होंने कहा कि बिना ठोस सबूत के किसी को मृत घोषित करना पाप है. सुषमा ने कहा कि इस मामले पर मैंने और पीएम ने कई देशों से बात की है. जब तक मेरे पास कोई ठोस सबूत नहीं हो जाता है तब मैं उन्हें तलाश करती रहूंगी.
उन्होंने कहा कि बिना किसी सबूत के किसी को भी मरा हुआ कहना सही नहीं है. सुषमा ने कहा कि इराक में लापता भारतीयों के परिवार अपनी जिम्मेदारी पर फैसला करें. उन्होंने कहा कि यदि मैंने यानि विदेश मंत्रालय ने मृत घोषित कर दिया और बाद में वो जिंदा लौटे तो?
Leave a Reply