भोपाल: विधानसभा चुनाव में टिकट के हर दावेदारों से कांग्रेस पार्टी ने एडवांस के तौर पर पैसे जमा कराए थे. पार्टी ने सामान्य श्रेणी में आने वाले लोगों से 50 हजार रुपए और आरक्षित वर्ग वालों से 25-25 हजार रुपए जमा करवाए थे. पार्टी के इस निर्णय का जब कई वरिष्ठ नेताओं ने खुलकर विरोध किया तो यू-टर्न लेते हुए इसे वापस करने का फैसला लिया गया है.
कार्यकर्ताओं से भी इस मामले पर निगेटिव फीडबैक मिले. इसके बाद प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने अपने फैसले से यू-टर्न लेते हुए टिकट दावेदारों की ओर से जमा कराए गए लगभग दो करोड़ रुपए वापस लौटाने का फैसला लिया है.
350 से अधिक कांग्रेसियों ने जमा कराए थे पैसे
विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनने की इच्छा रखने वाले 350 से ज्यादा कांग्रेसियों ने 50-50 हजार रुपए जमा कराए थे. यह अभियान छह से 15 मार्च तक चला था. इसकी तारीख बढ़ाकर 30 कर दी गई थी. पैसे जमा कराने के लिए कांग्रेस कार्यालय में लंबी कतार लगी थी. कांग्रेस ने पहली बार प्रदेश में पार्टी को आर्थिक तंगी से उबारने के लिए टिकट चाहने वाले दावेदारों से 50-50 हजार रुपए का नॉन रिफंडेबल बैंक ड्राफ्ट मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के नाम जमा कराया था.
नेशनल हेराल्ड के नाम पर बना था ड्राफ्ट
दावेदारों से 2-2 हजार रु. का ड्राफ्ट नेशनल हेराल्ड के नाम और एक-एक हजार रुपए की रसीद पार्टी की सदस्यता के नाम पर काटी जा रही थी. आवेदन के साथ यह राशि जमा करने की अंतिम तारीख 30 मार्च थी. प्रदेश कांग्रेस के इस फैसले का प्रदेश कांग्रेस के सीनियर लीडर्स की कमेटी (जिसमें वरिष्ठ नेता कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह शामिल हैं) ने विरोध किया था. अजय सिंह तो इस फैसले के खिलाफ खुलकर मैदान में आ गए थे.
अजय सिंह का साफ कहना था कि टिकट पाने वाले व्यक्ति का आधार सिर्फ उसकी चुनाव जीतने की योग्यता होनी चाहिए. कांग्रेस पार्टी से विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले दावेदार 50 हजार रुपए जमा करने की शर्त पर एक के बजाए दो सीटों से भी चुनाव लड़ने के इच्छुक थे. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा है कि पार्टी के पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का यह मानना है कि टिकट चाहने वालों से 50 हजार रुपए लिया जाना ठीक नहीं है. इसके बाद फैसला वापस ले लिया गया है.
हालांकि दीपक बाबरिया का यह आदेश अभी तक मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी नहीं पहुचा है. कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा के मुताबिक दीपक बाबरिया हमारे प्रभारी हैं वह जो आदेश देंगे प्रदेश कांग्रेस उसका पालन करेगी. वहीं बीजेपी ने कांग्रेस के यू टर्न का स्वागत करते हुए कहा कि यह किसी भी पार्टी के लिए ठीक नही है कि आप दावेदारों से पैसा लें. भाजपा के प्रवक्ता राहुल कोठारी ने आरोप लगाया कि दीपक बाबरिया सोनिया गांधी का एजेंट बनकर चंदा ले रहे थे. वरिष्ठ नेताओं के विरोध के बाद उनको अपना यह फैसला वापस लेना पड़ा है.
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