बेंगलुरु: यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग जो कि शराब कारोबारी विजय माल्या के यूबी समूह की होल्डिंग कंपनी है, ने गुरुवार को कर्नाटक हाईकोर्ट में कहा कि इनके संपत्ति/शेयर की कुल वैल्यू 12400 करोड़ रुपए से ऊपर है, जो कि कंपनी की कुल देनदारी जिसमें कि 6000 करोड़ रुपए का कर्ज भी शामिल है, को आसानी से ब्याज के साथ चुकाया जा सकता है. किंगफिशर कंपनी के साथ भी यही बात लागू होती है क्योंकि यूबीएचएल कॉर्पोरेट गारंटर है जिसके आधार पर कर्ज दिया गया था. कोर्ट से कहा गया कि प्रवर्तन निदेशालय ने कंपनी के जिस संपत्ति और शेयर को अटैच किया है, उसकी वजह से कंपनी अपंग हो गई है और किसी भी वैकल्पिक प्रस्ताव के लिए तैयार नहीं है.
माल्या के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी
बेंगलुरु की एक अदालत ने बीते 19 जनवरी को भगोड़े शराब व्यापारी विजय माल्या और 18 अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने इन लोगों के खिलाफ निवेश के लिए तथ्यों को छुपाने का भी आरोप लगाया है। अदालत ने अपने हालिया आदेश में कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत माल्या और अन्य पर धारा 36, धारा 448 और धारा 447 के अंतर्गत संज्ञान लेते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
माल्या के अलावा, जिनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ, उनमें यूबी ग्रुप के मुख्य वित्त अधिकारी ए.के.रवि नेदुंगड़ी, डेक्कन एविएशन के प्रमोटर कैप्टन जी.आर. गोपीनाथ, एंबिट प्राइवेट लिमिटेड के अशोक वाधवा समेत कंपनी से जुड़े कई चार्टर अकाउंटेंड शामिल हैं। बेंगलुरु की अदालत ने अपने आदेश में कहा था, “दंडनीय अपराध को संज्ञान में लेते हुए कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 36 और धारा 448 और 447 के तहत और कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 628 के साथ ही धारा 68 के अंतर्गत मामला दर्ज किया जाता है।”
अदालत ने इन अपराधों के लिए एक से 19 नवंबर तक के अभियुक्तों के खिलाफ विशेष आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। अदालत ने अपने आदेश में कहा था, “वर्तमान मामले में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी हुई है। अदालत इसलिए महसूस करती है कि यह वारंट का मामला है, इसलिए अदालत समन जारी करने के बदले, सभी अभियुक्तों के खिलाफ वारंट जारी करती है।”
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