नागालैंड: नागालैंड विधानसभा चुनाव में शनिवार को हो रही वोटों की गिणती में अब तक के रुझानों में नागा पीपुल्स फ्रंट (NPF) बहुमत से पिछड़ती दिख रही है. रुझान देखकर लग रहा है कि मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग की अगुवाई में सत्ताधारी एनपीएफ एक बार फिर से सत्ता में आती नहीं दिख रही है. बीजेपी और नवगठित नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) गठबंधन बढ़त बनाए हुए है. पिछले चुनावों में 60 सीटों वाली नगालैंड विधानसभा में विपक्ष में एक भी सदस्य नहीं थे. पिछले चुनावों में सत्ताधारी नागालैंड डेमोक्रेटिक गठबंधन की सरकार में एनपीएफ के जहां 48 विधायक थे, वहीं गठबंधन सहयोगी बीजेपी के चार और आठ निर्दलीय विधायक थे. ऐसे में हम आपको नागा पीपुल्स फ्रंट से जुड़ी कुछ ऐसी जानकारी दे रहे हैं, जिसे पढ़कर शायद नॉर्थ ईस्ट की राजनीति समझने में मदद मिल सके.
1. साल 1963 में बनी डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ नागालैंड को ही नागा पीपुल्स फ्रंट (NPF) के नाम से जाना जाता है. दरअसल, पुरानी पार्टी का ही नाम साल 2003 में नागा पीपुल्स फ्रंट रख दिया गया था. फिलहाल इस पार्टी को एक क्षेत्रीय दल के रूप में मान्यता मिली हुई है.
2. नागा पीपुल्स फ्रंट (NPF) का चुनाव चिन्ह मुर्गा है. इस पार्टी का मुख्य उद्देश्य नागा जनजाति की समस्याओं को बातचीत से सुलझाना है.
3. यह पार्टी मुख्य रूप से नागालैंड और मेघालय में सक्रिय है.
4. साल 1963 से अब तक इस पार्टी के 9 अध्यक्ष हो चुके हैं. पहले अध्यक्ष स्वर्गीय ए. केवीचुसा (A.Kevichusa) थे. वहीं साल 2012 से शूरहोजेलि लीज़िएतु (Dr.shurhozelie Liezietsu) अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं.
5. नागा पीपुल्स फ्रंट के अब तक छह नेता मुख्यमंत्री बन चुके हैं.
6. साल 2014 से टीआर जेलियांग राज्य के मुख्यमंत्री हैं.
7. यह पार्टी छह बार सत्ता में आ चुकी है. पहली बार 1974 से 1977 तक इस पार्टी की सरकार बनी. इसके बाद क्रमश: 1977-1982, 1990-1992, 2003-2008, 2008-2013, 2013 से अब तक सत्ता में हैं. साल 2003 से नागा पीपुल्स फ्रंट और बीजेपी के बीच गठबंधन था, लेकिन इस बार के चुनावों में दोनों पार्टियों ने एक दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार मैदान में उतारे, जिसमें बीजेपी बाजी मारती दिख रही है.
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