कोलकाता: गायक से नेता बने केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के ट्विटर वॉर खत्म कम नहीं हो रहे हैं. राहत फतेह अली खान के साथ ट्विटर पर वॉर करने के बाद बाबुल सुप्रियो ने ममता बनर्जी और पश्चिम बंगाल पुलिस पर सवाल उठाये हैं. राम नवमीं के दिन से प्रदेश में हो रही हिंसा पर बाबुल सुप्रियो ने सवाल उठाए हैं. अपने एक ट्वीट में बाबुल सुप्रियो ने दावा किया है कि कार और मेटाडोर में आए लोगों ने हिन्दुओं पर तलवारों और चॉपर्स से हमला किया.
ट्विटर पर एक शख्स ने पूछे थे सुप्रियो से सवाल
दरअसल, सोमवार (26 मार्च) को एक शख्स ने बाबुल के ट्वीट पर लिखा, ‘कहां हैं आप यहां रानीगंज में मुस्लिम का आतंक बढ़ता जा रहा है और आप यहां के सांसद होकर भी इस रैली में नही आए.’ इस पर जवाब देते हुए सुप्रियो ने लिखा, ‘हमें बीच रास्ते में रोक दिया और हमें सीधा जमुरिया ले जाया गया, लक्ष्मण दा मेरे साथ हैं और गाड़ी में खुद चला रहा हूं. उनसे बात करो.’ इतना ही नहीं इस ट्विट में सुप्रियो ने बीजेपी पर गंभीर आरोप भी लगाए.
एक के बाद एक ट्वीट
इसके बाद कई लोगों ने ट्वीट करके सुप्रियो से सवाल किए. एक अन्य शख्स ने ट्वीट करके पूछा, ‘एक समुदाय के खिलाफ गन्दी बात कही जा रही है और आप कुछ बोल नहीं रहे, ये सच है की पश्चिम बंगाल में धार्मिक तनाव है और इसे टीएमसी ही फैला रही है ऐसे में आप किसे बचाएंगे बंगाल को या हिन्दुओं को’. इस पर बाबुल बोले ‘हमें हर हाल में इंसानियत को ही बचाना है हम सबका साथ सबका विकास चाहते हैं, आपको यकीन नहीं आता तो गुजरात जाकर देखिए मुस्लिम समुदाय के लोग वहां ख़ुशी से जी रहे हैं बस आपसे यही गुजारिश है की टीएमसी और दीदी के वोट बैंक के इस खेल में मत फंसे और विक्टिम कार्ड न बनें.’
आसनसोल के रानीगंज का वीडियो किया शेयर
लोगों की सवालों का जवाब देने के बाद बाबुल ने अपने ट्विटर पर आसनसोल के रानीगंज का एक वीडियो शेयर किया. इस वीडियो को शेयर करते हुए सुप्रियो ने लिखा, मेरे निर्वाचन क्षेत्र आसनसोल की यह स्थिति है, जहां पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग जो कार में आए थे उनकी दुकानों को तोड़ दिया गया है. हिन्दुओं को घरों से बाहर खींचकर उन्हें घायल किया गया है. वीडियो के साथ बाबुल सुप्रियो ने कई ट्वीट कर पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा और हिन्दुओं की मौत पर सवाल खड़े किए हैं.
कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद
बता दें कि राज्य बाल अधिकार समिति के कुछ दिनों पहले जारी किए गए निर्देशों को खुलेआम दरकिनार करते हुए पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में रामनवमी के दिन कई बच्चों को धारदार हथियारों के साथ चलते देखा गया था. रैली में नाबालिग लड़के व लड़कियां भगवान राम का नाम जपते हुए तलवार व चाकू जैसे हथियार भांज रहे थे. इस रैली का आयोजन कथित तौर पर बजरंग दल ने किया था. इस जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच झड़प हो गई थी. इस झड़प में दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई थी और 5 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे. इस रैली के बाद से ही प्रदेश के हालात बिगड़ते चले गए और प्रदेश में जगह-जगह हिंसा होने लगी.
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