नईदिल्ली: दुनियाभर में महिलाओं और पुरुषों की औसत उम्र बराबर होने के करीब पहुंच गई है. दोनों की औसत उम्र में करीब दो साल का अंतर था, लेकिन अब ये धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है. इसकी सबसे बड़ी वजह पुरुषों की स्मोकिंग की आदत में आई कमी मानी जा रही है. 177 साल में ये पहली बार हुआ है जब पुरुष, महिलाओं की औसत उम्र की बराबरी करने के करीब पहुंचे हैं. उम्र को लेकर ये आंकड़े लंदन के कास बिजनेस स्कूल ने एक अध्ययन के बाद जारी किए हैं.
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद बढ़ी थी स्मोकिंग की लत
शोध के मुताबिक, द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद दुनिया भर में तनाव काफी बढ़ गया था, जिसका असर लोगों पर भी हुआ. इस स्थिति में पुरुषों में स्मोकिंग की लत बढ़ गई. 1945 के बाद एक वक्त मेल स्मोकर्स का प्रतिशत 80 तक पहुंच गया था. महिला स्मोकर्स का आंकड़ा उस समय करीब 40 प्रतिशत था.
इसका बुरा प्रभाव पुरुषों के स्वास्थ्य पर दिखा और उनकी उम्र महिलाओं के मुकाबले 5 साल 8 महीने कम हो गई. हालांकि, आने वाले समय में इस स्थिति में सुधार आया. पिछले कुछ दशकों में ये अंतर दो साल का हो गया. जहां महिलाओं के जिंदा रहने की औसत उम्र 98 रही वहीं पुरुषों की 96 बनी रही.
स्मोकिंग की लत में आई कमी
रिपोर्ट के अनुसार, पुरुषों द्वारा स्मोकिंग करने में करीब पांच प्रतिशत की कमी आई है. इससे उनकी हेल्थ में सुधार हुआ है. दुनिया में मेल-फीमेल स्मोकर्स 16-16% हैं. यही वजह है कि औसत उम्र का दो साल का फासला भी अब कम होने लगा है. यदि यही स्थिति बनी रही तो साल 2030 तक पुरुषों और महिलाओं की औसत उम्र का अंतर खत्म हो जाएगा.
पुरुषों के स्मोकिंग छोड़ने के पीछे की एक बड़ी वजह हाल के सालों में दुनिया भर में बढ़े जागरुकता अभियानों को माना जा रहा है. इसके चलते पुरुषों में सिगरेट की लत छोड़ने के प्रति इच्छा बढ़ी, जिसने उन्हें फायदा पहुंचाया.
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