नईदिल्ली: आज केंद्रीय कैबिनेट की एक अहम बैठक आने वाली है. कयास लगाए जा रहे हैं कि आज होने वाली इस बैठक में ‘प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस’ यानी पॉक्सो एक्ट में संसोधन को हरी झंडी मिल सकती है. इस संसोधन को हरी झंडी मिलने के बाद देश में 12 साल या उससे कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप के दोषियों को मौत की सजा दी जा सकेगी.
उन्नाव और कठुआ केस के बाद देश में गुस्सा
उत्तर प्रदेश के उन्नाव और जम्मू कश्मीर के कठुआ में नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर देशभर में गुस्से के माहौल है. चारों तरफ रेप के दोषियों को सजा दिलाने की मांग उठ रही है. इसी पृष्ठभूमि में सरकार बच्चों को यौन अपराधों से संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने की योजना बना रही है.
सूत्रों के मुताबिक 12 साल तक बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी को भी मौत की सजा सुनाई जा सकती है. पॉक्सो कानून के आज के प्रावधानों के अनुसार इस जघन्य अपराध के लिए अधिकतम सजा उम्रकैद है. वहीं, न्यूनतम सजा सात साल की जेल है.
परिवार जन ही देते हैं रेप की वारजात को अंजामः शिवराज
दमोह में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘92% मामलों में नाबालिग बच्चियों के साथ परिवार के जानकार ही दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देते हैं. उन्होंने कहा, मैं उस वक्त सदमे में आ गया जब मैंने यह खबर पढ़ की एक नाबालिग लड़की के साथ उसके पिता ने ही दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया.
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