गुजरात: गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने सर्च इंजन गूगल और देवर्षी नारद की तुलना की है. मीडिया के मुताबिक विजय रुपाणी ने कहा है कि नारद मुनि गूगल की ही तरह सब जानते थे. उनके अनुसार नारद ठीक उसी तरह पूरे विश्व की जानकारी रखते थे जैसे आज के दौर में सर्च इंजन गूगल रखता है. रविवार को अहमदाबाद में आयोजित देवर्षी नारद जयंती कार्यक्रम में विजय रुपाणी ने कहा ‘आज के दौर में यह प्रासंगिक है कि नारद जानकारी से परिपूर्ण थे. उनके पास पूरे विश्व की जानकारी रहती थी. वह इन जानकारियों पर अपनी प्रतिक्रिया देते थे. जानकारी एकत्र करना मानव जाति के कल्याण के लिए उनका एक धर्म था’. यह कार्यक्रम आरएसएस की उप शाखा विश्व संवाद केंद्र द्वारा आयोजित किया गया था. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कार्यक्रम में आगे कहा कि गूगल भी बिल्कुल नारद मुनि जैसा ही जानकारी का स्रोत है. क्योंकि वह विश्व में घटने वाली सभी घटनाओं की जानकारी रखते थे.
बता दें कि गुजरात विधानसभा के स्पीकर राजेंद्र त्रिवेदी ने शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी और संविधान निर्माता कहलाने वाले बीआर आंबेडकर को ब्राह्मण बताया था. साथ ही उन्होंने भगवान कृष्ण को ओबीसी बताया था. उन्होंने कहा था कि ब्राह्मण कभी भी सत्ता का भूखा नहीं होता. वो दूसरों को राजा और भगवान बनाता है. इस दौरान उन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य और भगवान राम का उदाहरण दिया. राजेंद्र त्रिवेदी ने ये बातें गांधी नगर में आयोजित मेगा ब्राह्मण बिजनेस समिट में लोगों को संबोधित करते हुई कही थीं. इस समिट में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल भी मौजूद थे.
मीडिया के मुताबिक, ब्राह्मण बिजनेस समिट में राजेंद्र त्रिवेदी ने कहा था कि ‘ब्राह्मणों ने ही भगवान बनाए हैं. भगवान राम एक क्षत्रीय थे, लेकिन ऋषि-मुनियों ने अपने ज्ञान का इस्तेमाल कर उन्हें भगवान बना दिया. उन्होंने आगे भगवान व्यास का भी उदाहरण देते हुए कहा कि व्यास एक मत्स्यकन्या के बेटे थे. उन्हें भगवान का नाम ब्राह्मणों के कारण ही मिल पाया.’ भगवान कृष्ण के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि, ‘गोकुल का ग्वाला, जिसे हम आज के युग में ओबीसी बुलाते, उन्हें भगवान सान्दीपनि ऋषि ने बनाया था.’ उन्होंने आगे कहा, ‘ब्राह्मण ही थे जिन्होंने संस्कृत के अस्तित्व को बचाए रखा.’
बता दें कि बीजेपी के नेता इससे पहले भी पौराणिक चरित्र को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं. इससे पहले त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने कहा था कि महाभारत काल में इंटरनेट मौजूद था. उन्होंने इसके लिए यह भी तर्क दिया था कि अगर भारत में इंटरनेट की तकनीक नहीं होती तो महाभारत में धृतराष्ट्र को संजय युद्ध का आंखों-देखा हाल कैसे बता पाते. बिप्लब देब ने यह भी कहा था कि देश के पास उस समय भी उपग्रह मौजूद था. बता देें उनके विवादास्पद बयानों के कारण उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में तलब किया है.
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