नईदिल्ली: दिल्ली पुलिस ने भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी के खिलाफ एक आरोपपत्र दायर करके उस पर पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी आईएसआई को संवेदनशील दस्तावेज लीक करने का आरोप लगाया है. समझा जाता है कि अंतिम रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि गत फरवरी में गिरफ्तार किये गए ग्रुप कैप्टन अरूण मारवाह ने इंटरनेट मैसेंजर व्हाट्सऐप के जरिये एक महिला को गोपनीय दस्तावेज लीक किये. मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपक सहरावत की अदालत ने अंतिम रिपोर्ट पर 24 अप्रैल को संज्ञान लेने का निर्णय किया है.
सरकारी गोपनीयता कानून (ओएसए) के तहत सात वर्ष तक की सजा का प्रावधान है. अदालत सूत्रों ने बताया कि आरोप पत्र सरकारी गोपनीयता कानून और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दायर किया गया है. एजेंसी ने कहा कि मारवाह ने महिला से गत वर्ष दिसम्बर में फेसबुक के जरिये दोस्ती की थी.मारवाह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है.
एजेंसी ने कहा कि जांच अभी भी जारी है और वह इसकी जांच कर रही है कि क्या मारवाह एक व्यापक जासूसी गिरोह का हिस्सा है. उसने यह भी कहा कि वह इस मामले में एक पूरक आरोपपत्र दायर कर सकती है.
पाकिस्तान के हनीट्रैप में फंसा था एयरफोर्स का ग्रुप कैप्टन
आपको बता दें कि 9 फरवरी को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने और उसको गोपनीय दस्तावेज मुहैया कराने के आरोप में दिल्ली एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह (51) को दिल्ली से गिरफ्तार किया था. जानकारी के अनुसार, लड़की बनकर कैप्टन अरुण मारवाह को पूरी तरह अपने जाल में फंसाने के बाद आइएसआइ एजेंट ने उनसे कई गोपनीय दस्तावेजों की मांग की. सूत्रों का कहना था कि कैप्टन अरुण मारवाह ने कुछ गोपनीय दस्तावेज उस एजेंट को उपलब्ध करा दिए थे.
Leave a Reply