इराक: सद्दाम हुसैन इराक का वह तानाशाह था, जिसने पश्चिमी ताकतवर देशों को हिलाए रखा. उसका जन्म 28 अप्रैल, 1930 को इराक में तिकरित के नजदीक अल अव्जा में हुआ था. सद्दाम ने अपने पिता को कभी नहीं देखा. पिता उसके जन्म से छह महीने पहले ही गायब हो गया था. उसकी मां ने दूसरी शादी कर ली. सौतेले पिता ने उसके साथ बेहद खराब बर्ताव किया और वह 10 साल की उम्र में ही घर छोड़ कर बगदाद में अपने मामा खैराईल्लाह के पास आ गया. बाद में चलकर उसने मामा की ही बेटी से शादी भी की. वैसे, सद्दाम ने तीन शादियां की थीं. कहते हैं कि उसके पास कई मिस्ट्रेस थीं, लेकिन ये मिस्ट्रेस 2002 तक उसके साथ ही रहीं.
कानून की पढ़ाई छोड़ संभाली सत्ता
सद्दाम बगदाद में रह कर कानून की पढ़ाई कर रहा था, लेकिन बाद में पढ़ाई छोड़ ‘बाथ’ पार्टी जॉइन कर ली. 1968 में इराक सत्ता पर बाथ पार्टी का कब्जा हुआ. इसमें सद्दाम का अहम रोल था. बीमार जनरल अहमद हसन ने सद्दाम को वाइस प्रेजिडेंट बना दिया. इसी दौरान सद्दाम ने तेल और विदेशी बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया, जिससे अर्थव्यवस्था लड़खड़ा गई. बाद में तेल से हुई आमदनी से उसने देश को संभाला. उसने सरकार और सुरक्षा बलों के अहम पदों पर ज्यादातर सुन्नी बैठा दिए, जबकि उस समय इराक में सुन्नी की संख्या 20 प्रतिशत ही थी.
इराक का ‘तानाशाह’, लाखों मौत का जिम्मेदार
1979 में सद्दाम देश का प्रमुख बन चुका था और सिया व कुर्दिस आंदोलनों को दबाया. उसने अमेरिका का भी विरोध किया और इस्राइल पर अटैक की धमकी दी. माना जाता है कि इराक में सद्दाम द्वारा किए गए दमन में करीब ढाई लाख लोग मारे गए थे. सद्दाम द्वारा इरान और कुवैत पर किए गए हमले में भी लाखों लोगों की मौत हुई थी. सद्दाम ने 1980 में इरान के पानी और वहां के नए नेता खुमैनी से नाराज होकर युद्ध छेड़ दिया. बीसवीं सदी की सबसे लंबी लड़ाई सद्दाम ने आठ साल तक थौंपे रखी.
ढीले पड़े सद्दाम के तेवर
सद्दाम हुसैन की आंखों में कुवैत और उस देश का तेल भंडार भी खटकता था. वह मानता था कि कुवैत भी इराक का हिस्सा है, लेकिन ब्रिटेन ने नाइंसाफी कर कुवैत को अलग कर दिया. इसलिए अगस्त 1990 में कुवैत पर हमला कर दिया. इसके बाद अमेरिका और ब्रिटेन ने 1991 में इराक पर अटैक कर दिया तो सद्दाम के तेवर ढीले पड़ गए.
पंख पड़फड़ाने लगे
देश की हालत कुछ सुधरी, तो सद्दाम ने जुबानी जंग छेड़ दी और पश्चिमी देशों के खिलाफ आतंकी हलचल भी पनपने लगी. 2003 में अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश और ब्रिटिश पीएम टोनी ब्लेयर ने आरोप लगाया कि सद्दाम ने सामूहिक तबाही के परमाणु और केमिकल हथियार हासिल कर लिए हैं और उसके संबंध अल कायदा से हैं. इसे आधार बनाकर संयुक्त सेनाओं ने इराक पर हमला कर दिया.
अंडरग्राउंड हुआ सद्दाम
सद्दाम अंडरग्राउंड हो गया और इराक का पतन हो गया. बाद में सद्दाम की तलाश के लिए ऑपरेशन रेड डॉन शुरू हुआ और 13 दिसंबर 2003 तिकरित के नजदीक अदटॉर से उसे पकड़ लिया गया. 5 नवंबर, 2006 को सद्दाम को फांसी की सजा सुनाई गई और 30 दिसंबर 2006 को सद्दाम को लटका दिया गया.
तीन शादियां, 80 महिलाओं से संबंध
सद्दाम हुसैन ने तीन महिलाओं से शादी की थी, जिससे उनके पांच बच्चे थे. ये सभी बच्चे उनकी पहली पत्नी साजिदा से थे, जिसे उसने कभी तलाक नहीं दिया. साजिदा उसके अंकल खैरल्लाह तुल्फाह की बेटी थी. दूसरी पत्नी समीरा से भी उसका बेटा अली था, लेकिन सद्दाम ने उसे अपना नाम कभी नहीं दिया. कहा जाता है कि सद्दाम के कनेक्शन 80 से भी ज्यादा महिलाओं के साथ थे, जबकि यूनाइटेड नेशन्स ने अपनी रिपोर्ट उसके 8 महिलाओं के साथ संबंध होने की पुष्टि की है.
बेटा भी था अय्याश
सद्दाम के आलीशान महल में उसकी फैमिली के अलावा कई मिस्ट्रेस भी रहती थीं, जिनके साथ सद्दाम के संबंध थे. वहीं सद्दाम का बेटा उदय हुसैन भी अय्याश था. कहा जाता है कि जिस लड़की पर उसका दिल आ जाता था, वह उसे अगवा करवा लेता था और रेप करता था. जुलाई 2003 में इराक पर हुए अमेरिकी हमले में उदय हुसैन भी मारा गया था.
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