यूपी: रामशंकर कठेरिया के खिलाफ 11 मुकदमे वापस लेगी योगी सरकार, तैयारी शुरू.

यूपी: रामशंकर कठेरिया के खिलाफ 11 मुकदमे वापस लेगी योगी सरकार, तैयारी शुरू.लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाद आगरा के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामशंकर कठेरिया के खिलाफ दर्ज 11 मुकदमों को राज्य सरकार वापस लेने की तैयारी में है. शासन स्तर से आगरा के जिलाधिकारी गौरव दयाल से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है. ये सारे मुकदमे साल 2009 से लेकर 2014 के बीच दर्ज किए गए हैं. बताया जा रहा है कि रामशंकर कठेरिया की पत्नी के खिलाफ भी एक मामला दर्ज है, उसके बारे में भी रिपोर्ट मांगी गई है. इसके अलावा पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ दर्ज मुकदमे को भी वापस लेने की तैयारी हो रही है.

कठेरिया के खिलाफ रेल रोकने से लेकर प्रदर्शन करने के हैं मुकदमे
आगरा के सासंद और एससी आयोग के अध्यक्ष रामशंकर कठेरिया के खिलाफ ज्यादातर मामले विरोध प्रदर्शन के हैं, जिसमें कलक्ट्रेट के सामने धरना प्रदर्शन करने से लेकर विरोध के नाम पर रेल रोकने के मुकदमे दर्ज हैं. ये सभी मुकदमे अलग-अलग थानों में दर्ज हैं. साल 2009 में आरपीएफ कैंट थाने में रामशंकर कठेरिया के खिलाफ बलवा और रेलवे एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. वहीं रामशंकर कठेरिया की पत्नी मृदुला कठेरिया के खिलाफ न्यू आगरा थाने में बलवा, गाली गलौज, सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने और धमकी देने का मुकदमा दर्ज है. 

इन मुकदमों को वापस लेने के लिए राज्य सरकार की ओर से आदेश आने के बाद डीएम ने एसएसपी अमित पाठक, एसपी रेलवे, संयुक्त निदेशक अभियोजन और जिला शासकीय अधिवक्ता से कई बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है.

विवादों से रहा है रामशंकर कठेरिया का नाता
मालूम हो कि रामशंकर कठेरिया का नाम कई विवादों में रह चुका है. आगरा यूनिवर्सिटी में हिंदी के प्रोफेसर रहे रामशंकर कठेरिया पर फर्जी डिग्री के दम पर नौकरी पाने का भी आरोप लग चुका है. चुनाव आयोग को दी गई डिटेल में कठेरिया ने अपने ऊपर 20 मुकदमा होने की बात कबूली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कठेरिया को मानव संसाधन मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया था, लेकिन कुछ दिनों बाद इन्हें मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था.

CM योगी के खिलाफ मुकदमा वापस ले चुकी है BJP सरकार
इससे पहले पिछले साल मौजूदा यूपी सरकार ने सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ 22 साल पुराना मुकदमा वापस लेने का फैसला किया था. यह मुकदमा 27 मई, 1995 को गोरखपुर के पीपीगंज थाने में यूपी के मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ, मौजूदा केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिवप्रताप शुक्ल समेत 13 लोगों पर आईपीसी की धारा 188 के तहत दर्ज हुआ था. इसमें उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट का ऑर्डर भी हुआ था. योगी सरकार ने हाल ही में एक कानून बनाया है, जिसके तहत 20,000 राजनीतिक मुकदमे वापस लिए जाएंगे.

Bureau Report

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