नईदिल्ली: जिनीवा में डब्ल्यूएचओ की ओर से साल 2016 के लिए दुनिया के सबसे 15 प्रदूषित शहरों की सूची जारी की गई है जिनमें भारत के 14 शहर शामिल हैं। दूसरी तरफ चीन के शहरों ने अपने शहर की हवा सुधारने की दिशा में कई उल्लेखनीय सुधार किए हैं। डब्ल्यूएचओ के डेटाबेस से पता चलता है कि 2010 से 2014 के बीच में दिल्ली के प्रदूषण स्तर में मामूली बेहतरी हुई है लेकिन 2015 से फिर हालत बिगड़ने लगे हैं।
2015 और 2016 में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर अचानक कैसे इतना बढ़ गया, इसे लेकर विशेषज्ञ भी चकित हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि 2 साल में दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में फसल काटने के मौसम में पराली जलाने के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ना एक कारण हो सकता है, लेकिन इसके कई और पक्ष भी हैं। दूसरी तरफ चीन के बड़े शहरों में प्रदूषण के स्तर में लगातार कमी आई है। 2013 में विश्व के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में 14 चीन के थे।
दिल्ली और पेइचिंग में प्रदूषण के स्तर की लगातार चर्चा भी होती रही है, लेकिन चीन की हवा की गुणवत्ता में पहले से प्रभावी सुधार हुआ है। इस साल चीन के सिर्फ चार प्रमुख शहरों हेंगशुई, शिंगाती, अन्यांग और बोदिंग ही इस बार की 20 सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में हैं। इसकी वजह है कि प्रदूषण से निपटने के लिए भारत में इससे अब तक बहुत प्रभावी उपाय नहीं किए गए, लेकिन चीन ने जरूर इस दिशा में अहम कदम उठाए हैं।
चीन की राजधानी पेइचिंग का स्थानीय प्रशासन क्षेत्र में पीएम 2.5 के लेवल को बीते साल के 73 माइक्रोग्राम से घटाकर 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पर लाने की तैयारी कर रही है। हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ ही 4 तरह के अलर्ट जारी कर दिए जाते हैं, जिससे कि लोगों को चेतावनी मिल सके। एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में पीएम 2.5 का स्तर 1 दिन तक 200 से ऊपर रहने पर ब्लू अलर्ट जारी होता है।
एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में पीएम 2.5 का स्तर 2 दिन तक 200 से ऊपर रहने पर येलो अलर्ट जारी होता है। एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में पीएम 2.5 का स्तर 3 दिन तक 200 से ऊपर रहने पर ऑरेंज अलर्ट जारी होता है। एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में पीएम 2.5 का स्तर 4 दिन तक 200 से ऊपर रहने, दो दिन तक 300 के स्तर से ऊपर या फिर एक दिन 500 के स्तर से ऊपर होने पर रेड अलर्ट जारी होता है।
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