महाराजगंज: दिल्ली से 850 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले की इस खबर के बारे में बताने से पहले 28 अप्रैल की सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो ट्वीट किया था उसे एकबार गौर से पढ़ें. उन्होंने ट्वीट किया, ‘भारत के विकास में 28 अप्रैल 2018 को ऐतिहासिक दिन के रूप में याद रखा जाएगा. हमने अपना वादा पूरा किया, जिसकी वजह से बहुत लोगों की जिंदगी पूरी तरह बदल जाएगी. मैं बहुत खुश हूं कि देश के सभी गांवों तक बिजली पहुंच चुकी है.’ आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मई 2014 में पीएम मोदी के सत्ता संभालने के समय देश में 18,452 गांव बिना बिजली के थे.
पीएम मोदी ने हर गांव में बिजली की पहुंच को लेकर ट्वीट किया और कहा कि मैं बहुत खुश हूं और हमने अपना वादा पूरा किया है. लेकिन, हम आपको आज एक ऐसे गांव ले चलेंगे जहां आजादी के इतने बरस बीत जाने के बाद भी बिजली नहीं पहुंची है. इस गांव में कई लोग ऐसे हैं, जिनकी उम्र पचास साल से ज्यादा की है, लेकिन इन लोगों ने आज तक टेलीविजन का मुंह तक नहीं देखा है. ऐसा नहीं है कि गांव में विकास नहीं हुआ है. विकास तो हुआ है, लेकिन बिजली के इंतजार में लोग आस लगाए बैठे हैं कि कब उनके घर रोशनी से जगमगा जाए. पीएम मोदी के ट्वीट के बाद जब जी न्यूज के रिपोर्टर अमित त्रिपाठी ने संबंधित विभाग के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि इस गांव का सर्वे करवा लिया गया है, और जल्द से जल्द गांव में बिजली आ जाएगी.
ये है महाराजगंज जिले के फरेंदा विधानसभा का बारातगाड़ा गांव, जिसकी आबादी लगभग 3000 है. इस गांव के लोग आजादी से आज तक बिजली के लिए तरस रहे हैं. सत्ता में कई सरकारें आईं और चली गईं, लेकिन इस गांव के लोगों की किस्मत नहीं बदली. आज भी ये लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हैं. ऐसा नहीं है कि इस गांव में कोई विकास नहीं हुआ है. गांव में खड़ंजा है, साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था है, प्राथमिक स्कूल हैं, लेकिन बिजली नहीं है. गांव में बिजली के नाम पर अभी तक कुछ नहीं हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि वो हर चुनाव में ठगे जाते हैं. नेता चुनाव के समय वोट मांगने आते हैं और यह कहकर चले जाते हैं कि जीतने के बाद उनके गांव में बिजली की सुविधा होगी, लेकिन नेता चुनाव जीतने के बाद फिर गांव की तरफ मुड़कर नहीं देखते.
लालटेन की रोशनी में पढ़ते हैं बच्चे
21वीं शताब्दी में इस गांव के बच्चे लालटेन की रोशनी में पढ़ाई करते हैं. हो सकता है आपको इसपर यकीन ना हो, लेकिन अगर आप रात के वक्त में इस गांव से गुजरेंगे तो आपका सन्नाट पसरा हुआ महसूस होगा. हर घर से लालटेन की हल्की रोशनी नजर आएगी. गांव के लोगों का कहना है कि इस गांव के युवकों की शादी भी नहीं हो पा रही है. गांव में कई ऐसे नौजवान हैं, जिनकी शादी सिर्फ इसलिए नहीं हो रहा है क्योंकि, वे गांव में ही रोजगार करते हैं और गांव में बिजली की सुविधा नहीं है.
गांव के प्रधान दिनेश यादव कहते हैं कि उन्होंने गांव में बिजली लाने के लिए बहुत कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे. गांव में लोग घर में रोशनी करने के लिए सोलर लाइट के साथ मिट्टी के तेल का प्रयोग करते हैं. पढ़ने वाले बच्चे लालटेन की रोशनी में पढ़ाई करते हैं. आपको बता दे कि पिछले डीएम साहब इस गांव को गोद भी ले चुके हैं, लेकिन बिजली के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही की गई है. हालांकि वर्तमान जिलाधिकारी ने वादा किया है कि जल्द से जल्द गांव में बिजली लाई जाएगी. उन्होंने कहा कि सर्वे करा दिया गया है और बाकी का काम जल्द पूरा किया जाएगा.
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