नईदिल्ली: आपका लोन महंगा हो सकता है. आरबीआई की अगली मोद्रिक नीति समिटी (MPC) की बैठक में ब्याज दरें बढ़ाने पर फैसला हो सकता है. हालांकि, केंद्र सरकार दावा कर रही है कि कच्चा तेल की कीमतों में उछाल से अर्थव्यवस्था पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा. लेकिन, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तैयारियां कुछ और इशारा कर रही हैं. एक्सपर्ट्स की मानें तो 4 से 6 जून के बीच होने वाली आरबीआई की बैठक में क्रूड की कीमतों में तेजी ही मुख्य मुद्दा हो सकता है. साथ ही महंगाई को लेकर भी चर्चा होने की संभावना है. ऐसे में आसार हैं कि आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ब्याज दर बढ़ाने पर फैसला ले सकते हैं.
जून की बैठक है काफी अहम
आरबीआई के सूत्रों के मुताबिक, एमपीसी की बैठक में क्रूड की कीमतों पर चर्चा होगी. साथ ही आरबीआई गवर्नर उर्जिट पटेल वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से भी इस पर चर्चा करेंगे. अप्रैल की बैठक में यह इशारा दिया गया था कि जून में होने वाली बैठक में ब्याज दर बढ़ाने पर फैसला हो सकता है. अब अप्रैल के बाद से कच्चे तेल की कीमतों में करीब 20 फीसदी की तेजी आई है. वहीं, अप्रैल में रिटेल महंगाई भी बढ़कर 4.58 फीसदी पर पहुंच गई थी. आगे इसके और बढ़ने की संभावनाएं हैं. ऐसे में आशंका है कि आरबीआई मजबूरन ब्याज दर 0.25 फीसदी बढ़ा सकता है.
महंगाई काबू नहीं हुई तो महंगा होगा कर्ज
फाइनेंशियल फर्म पहले ही इशारा कर चुकी हैं कि महंगाई बढ़ने का खतराहै. वहीं, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और रुपए में लगातार गिरावट इसे और मजबूत बना रही हैं. आशंका जताई जा रही है कि मई महीने में रिटेल महंगाई 5 फीसदी का आंकड़ा पार कर सकती है. वहीं, आरबीआई महंगाई को चार फीसदी पर स्थिर रखना चाहता है. क्योंकि, इस साल उसका महंगाई दर लक्ष्य भी चार फीसदी रखा गया था. ऐसे में ब्याज दरों को बढ़ाने के संकेत साफ तौर पर मिल रहे हैं.
बैंक भी दे चुके हैं पहले ही संकेत
बैंकों ने पिछले कुछ समय में जैसे कदम उठाएं हैं, उससे साफ संकेत मिले हैं कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी हो सकती है. पिछले दो महीने में SBI, PNB समते ज्यादातर बैंकों ने कई स्कीमों पर ज्यादा ब्याज देना शुरू किया है. हालांकि, यह सीमित अवधियों के लिए है. आपको बता दें, ऐसा तभी होता है जब आरबीआई ब्याज दरें बढ़ाने पर विचार कर रहा हो. कर्ज महंगा होने की दिशा में बैंकों की तरफ से उठाया गया यह पहला कदम होता है.
अब नहीं घटेंगी ब्याज दरें
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने कुछ समय पहले ही कहा था कि महंगाई दर को स्थिर बनाने के लिए आरबीआई को कर्ज महंगा करना ही होगा. साथ ही ब्याज दरें कम करने को लेकर आरबीआई के रुख में फिलहाल कोई बदलाव नहीं आएगा. पहले ये कोशिशें होती रही हैं कि आरबीआई ब्याज दर घटाने का प्रयास करता था, लेकिन अब ब्याज दरें कम नहीं होंगी.
महंगे पेट्रोल-डीजल से राहत नहीं
सस्ते पेट्रोल और डीजल के लिए अभी आपको इंतजार करना पड़ सकता है. कच्चे तेल के बढ़ते दाम के बीच सरकार ने फिलहाल पेट्रोल-डीजल पर टैक्स नहीं घटाने का संकेत दिया है. केंद्र का कहना है कि वैश्विक बाजार में हाल के दिनों में कच्चे तेल की कीमतों के चलते चालू वित्त वर्ष में आयात बिल पर 50 अरब डॉलर तक वृद्धि हो सकती है. साथ ही चालू खाते में घाटा भी बढ़ सकता है.
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