इस्लामाबाद: मुंबई में 26/11 को हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान की भूमिका पर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का बयान सामने आने के बाद पाक सेना ने सोमवार को उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है. माना जा रहा है कि इस बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी से लेकर कई आला अधिकारी व मंत्री भी शामिल होंगे. नवाज शरीफ ने कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू के दौरान पहली बार सार्वजनिक रूप से माना था कि पाकिस्तान में आतंकी संगठन सक्रिय हैं. इसी दौरान उन्होंने पाकिस्तान द्वारा मुंबई में आंतकी हमला करवाने की बात कही थी. उन्होंने ‘‘सरकार से इतर तत्वों’’ के सीमा पार करने और लोगों की हत्या करने देने की पाकिस्तान की नीति पर भी सवाल उठाए थे.
उच्चाधिकारियों के साथ होगी बैठक
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने टि्वटर पर कहा कि प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी को उच्चाधिकार प्राप्त राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक बुलाने का सुझाव दिया गया. एनएससी शीर्ष असैन्य तथा सैन्य नेतृत्व का मंच है जो महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करती है.
क्या कहा था नवाज शरीफ ने
पाकिस्तानी अखबार डॉन को दिए इंटरव्यू में नवाज शरीफ ने मुंबई 26/11 हमले पर बात की थी. शरीफ ने कहा था, ‘आतंकी संगठन सक्रिय हैं, क्या हमें उन्हें सीमा पार करने और मुंबई में 150 लोगों की हत्या करने की इजाजत दे देनी चाहिए? ‘रावलपिंडी आतंकरोधी अदालत में मुंबई हमलों का ट्रायल लंबित होने का हवाला देते हुए नवाज ने कहा, ‘हमने सुनवाई क्यों नहीं पूरी की?’
नवाज के बयान की पाकिस्तान में आलोचना
नवाज शरीफ के बयान के चलते शरीफ को विपक्षी नेताओं व उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (पीएमएल- एन) से अलग हुए लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. इन लोगों का कहना है कि शरीफ ने बयान देकर मुंबई हमलों में भारतीय रूख का समर्थन किया है और देश के राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाया है.
क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान ने कहा कि शरीफ (भारत के प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी की भाषा बोल रहे हैं और देश को नुकसान पहुंचाने के लिए पाकिस्तान के दुश्मनों का समर्थन कर रहे हैं.
इस बीच, नवाज शरीफ के छोटे भाई शाहबाज शरीफ ने कहा कि मीडिया ने पूर्व प्रधानमंत्री के बयान को गलत तरीके से पेश किया है. उन्होंने कहा, ‘‘क्या कोई विश्वास कर सकता है कि नवाज शरीफ कोई ऐसी चीज कहेंगे.’’
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