बलिया: वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के अंदर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठजोड़ को मात देने के लिए प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अपना ब्रह्मास्त्र चलाने जा रही है। योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बताया कि 82 ओबीसी जातियों को तीन सेगमेंट में बांटने जा रही है ताकि सभी जातियों को मंडल आयोग के मुताबिक तय 27 फीसदी आरक्षण में उनका हिस्सा मिल सके।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष राजभर ने कहा कि सरकार के इस कदम से एसपी-बीएसपी का गठजोड़ बर्बाद हो जाएगा। उन्होंने बलिया के रसड़ा में कहा, ‘वर्ष 2019 के चुनाव से छह महीने पहले राज्य में ओबीसी की 82 जातियों को तीन सेगमेंट में बांटने का ब्रह्मास्त्र चलाएगी ।’ राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक राजभर ने अपने बयान से एसपी-बीएसपी को मात देने की बीजेपी की रणनीति का खुलासा कर दिया है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी की कोशिश है कि इस कदम से पिछड़ी जातियों, दलितों और मुस्लिमों के बीच गठजोड़ को तोड़ा जा सके। उधर, राजभर ने बताया कि ओबीसी के 27 फीसदी कोटे को तीन भागों में बांटा जाएगा। पहला- पिछड़ा (चार जातियां), दूसरा-अति पिछड़ा (19 जातियां), और तीसरा-सर्वाधिक पिछड़ा (इसमें 59 जातियां)। सरकार ने अपनी इस योजना को लागू किया तो ओबीसी कोटे के अंदर यादवों का वर्चस्व संकट में पड़ जाएगा जो समाजवादी पार्टी का कोर वोट बैंक है।
यादव ओबीसी कोटे के सबसे बड़े लाभार्थियों में शामिल
यादव ओबीसी कोटे के सबसे बड़े लाभार्थियों में शामिल रहे हैं। इससे कई पिछड़ी जातियां यादवों से नाराज भी हैं। इसी नाराजगी ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव और वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की मदद की। करारी हार से परेशान एसपी और बीएसपी ने एक साथ आने का फैसला किया है जो गैर यादव ओबीसी को भी उनके साथ ला सकता है। इसी गैर यादव ओबीसी वोटों के बल पर बीजेपी ने भारी बहुमत हासिल किया था।
फूलपुर और गोरखपुर में राजनीतिक प्रयोग सफल रहा जहां बीएसपी ने एसपी उम्मीदवारों की मदद की। इस गठजोड़ के साथ कुर्मी और निषाद भी आ गए। राजभर ने कहा, ‘ अभी तक ये जातियां अपना हक पाने के लिए एसपी, बीएसपी और कांग्रेस के साथ थीं लेकिन अब हम उन्हें उनका हक देकर अपने साथ लाएंगे।’
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