नईदिल्ली: कई बीमारियां ऐसी होती हैं जो हमें कब हो जाती है और अंदर ही अंदर हमें खत्म करती रहती है लेकिन हमें पता तक नहीं चल पाता. हाइपरटेंशन या बीपी ऐसी ही एक साइलेंट किलर है जो हर दूसरे व्यक्ति को है और हर बीमारी की जड़ है. लेकिन हम इसे गंभीरता से नहीं लेते. गुरुवार(17 मई) को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे है और हमें भारत की एक चौंकाने वाली स्टडी मिली है. भारत की पूरी आबादी में केवल 40 फीसदी लोगों को पता है कि उन्हें हाइपरटेंशन है. हाल ही में हेल्थ मिनिस्ट्री ने भी एक स्टडी में बताया है कि आठ में से एक व्यक्ति को बीपी है.
भारत में 200 मिलियन अडल्ट हैं जो हाइपरटेंशन के शिकार हैं
इस स्टडी में पाया गया है कि भारत में 200 मिलियन अडल्ट हैं जो हाइपरटेंशन के शिकार हैं. जिसमें से 40 फीसदी को पता है और 20 फीसदी लोग ही इसका इलाज कराते हैं. सबसे बड़ी बात है कि भारत में बीमारियों से जितनी मौत होती है उसमें से 10 फीसदी लोग हाइपरटेंशन से मरते हैं. दरअसल,आईसीएमआर ने मई मेजरमेंट मंथ के दौरान इस स्टडी को कराया है. जब़ इस स्टडी से जुड़े डॉक्टर के के अग्रवाल से हमने बात की तो उन्होंने हमें बताया कि हाइपरटेंशन कई तरह के होते हैं, ये घर और ऑफिस में अलग – अलग होते हैं. डॉ के के अग्रवाल बताते हैं कैसे ये बीमारी युवाओं में ज्यादा बढ़ती जा रही है.
“हां बिल्कुल कुछ साल पहले तक हर कोई इसे हल्के में लेते थे, लेकिन जैसे जैसे लाइफस्टाइल बदल रही है ये गंभीर बीमारी के तौर पर सामने आ रही है. ये ऐसा साइलेंट किलर है जो सीधे आपके हर्ट या किडनी पर असर करता है. बच्चे से बड़े और युवा किसी को भी बीपी हो सकता है, उसे बीपी चेक अप जरूर कराते रहना चाहिए. घर और ऑफिस में बीपी अलग होगा, क्योंकि माहौल का बहुत फर्क होता है. ”
क्या होते हैं लक्ष्मण
आपको गुस्सा आएगा, सांस लेने में तकलीफ होगी
आलसपन रहेगा, ताजगी नहीं रहेगी.
चेस्ट पेन होगा, सिर दर्द
थकान और तनाव महसूस होगा
कई बार तो नाक से खून भी निकलेगा
पेट और कमर की चौड़ाई को मेजर करें
कैसे करें इलाज
हफ्ते – दो हफ्ते में एक बार डॉक्टर से चेक जरूर
सब्जी और ताजा फल खाएं और वजन न बढ़ने दें
रोजाना एक्सरसाइज करें, मेडिटेशन और योगा बहुत फायदेमंद है.
खान पान और लाइफस्टाइल में बदलाव जरूरी है.
2,300 मिलिग्राम से कम नमक पूरे दिन में लें
पोटाशियम की मात्रा ठीक रखें
केवल दवा या डॉक्टर के इलाज से बीपी से छुटकारा नहीं मिल सकता
इस स्टडी में ये भी साफ लिखा है कि केवल दवा या डॉक्टर के इलाज से बीपी से छुटकारा नहीं मिल सकता है, आपको अपनी लाइफस्टाइल बदलनी होगी. आपको इसके लिए अंदर से काम करना होगा. इस स्टडी के दौरान हमने एक मरीज से बात की जो काफी सालों से बीपी की शिकार हैं और िदवा खाते खाते परेशान लेकिन वो फायदा नहीं नजर आया, जो फायदा उन्हें पिछले एक साल में मेडिटेशन योगा और अपने अंदर लाइफस्टाइल में बदलाव करके मिला.
प्रीति जुनेजा ट्रेनर हैं और इन्हें दो साल पहले पता चला कि इन्हें बीपी है. कैसे प्रीति ने इस बीमारी से खुद लड़ाई की और आज वे दवा के बगैर चल रही हैं. मुझे जब पता चला इतनी छोटी उम्र में मुझे बीपी है मैं सदमें में आ गई, यकीन नहीं हुआ. पहले खुद को समझाया फिर डॉक्टर के पास गई दवा ली. लेकिन मैंने ठान लिया दवा पर निर्भर नहीं होना, मैं खुद ही इसको सही करूंगी. ऑफिस, घर और ये बीमारी सब कुछ मैनेज करना मुश्किल था, लेकिन अपने अंदर हिम्मड़ीत लाई और इस सफर पर चल पड़ी.
28 लाख High Blood Pressure से पीड़ित
भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय ने Preventiv Health Programme के तहत देंश के 100 ज़िलों में एक सर्वे किया. इस सर्वे में करीब 2 करोड़ लोगों का Blood Pressure चेक हुआ. इसमें ये पता चला कि 2 करोड़ लोगों में से 28 लाख High Blood Pressure से पीड़ित हैं. इन आंकड़ों के मुताबिक, भारत की करीब 8 प्रतिशत आबादी Hypertension की शिकार है इनमें पुरुषों की संख्या 10 प्रतिशत और महिलाओं की संख्या करीब 7 प्रतिशत है.
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