वाराणसी: वाराणसी में हुए फ्लाईओवर हादसे की अब पीएमओ अपने स्तर पर जांच कराएगा. टीम में रुड़की आईआईटी के इंजीनियर भी शामिल होंगे. वहीं केंद्रीय टीम के वाराणसी आने की सूचना के बाद सेतु निगम के अधिकारियों को बीम से कोई छेड़खानी न करने के निर्देश दिए गए हैं. आपको बता दें कि इससे पहले शुक्रवार (18 मई) को पूर्व परियोजना प्रबंधक समेत दो और लोगों को सस्पेंड कर दिया गया था. राज्य सरकार की तरफ से गठित समिति ने सेतु निगम के एमडी रहे राजन मित्तल समेत सात अभियंताओं को दोषी पाया है.
दो अधिकारियों को किया निलंबित
कृषि उत्पादन आयुक्त राजप्रताप सिंह की अध्यक्षता में गठित जांच समिति की रिपोर्ट के बाद शुक्रवार को राजकीय निर्माण निगम वाराणसी के पूर्व परियोजना प्रबंधक गेंदालाल और अवर परियोजना प्रबंधक राजेश पाल को भी निलंबित कर दिया गया. आपको बता दे कि अब तक छह इंजीनियरों को निलंबित किया जा चुका है. घटना के बाद मुख्य परियोजना प्रबंधक एससी तिवारी, परियोजना प्रबंधक के आर सूदन, सहायक परियोजना प्रबंधक राजेंद्र सिंह, अवर परियोजना प्रबंधक लाल चंद को निलंबित किया गया था.
एमडी ने अधिकारियों से की मुलाकात
सेतु निगम के एमडी जेके श्रीवास्तव ने बताया कि अभी तकनीकी समितियों की जांच रिपोर्ट नहीं आई है. कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने शुक्रवार को विभागीय अधिकारियों से निगम कार्यालय में मुलाकात कर घटना के बाबत अब तक उठाए गए कदमों की पूरी जानकारी ली.
सेतु निगम पूरी तरह दोषी: रिपोर्ट
इधर वाराणसी फ्लाई ओवर हादसे की जांच करने वाले राज्य कृषि उत्पादन के आयुक्त राज प्रताप सिंह के मुताबिक जांच रिपोर्ट सीएम को सौंप दी गई है. हादसे के बाद की गई जांच और मौके से जुटाए गए सैंपल के बाद रिपोर्ट तैयार की गई. राज प्रताप सिंह ने कहा कि रिपोर्ट में सेतु निगम पूरी तरह दोषी है.
ट्रैफिक व्यवस्था पर उठाए सवाल
रिपोर्ट में अधिकारी और कर्मचारी के नाम शामिल है. ट्रैफिक व्यवस्था के सवाल पर उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में ये कहा गया है कि जहां भी निर्माण कार्य चल रहा हो, वहां ट्रैफिक व्यवस्था पहले ही मैनेज कर ली जाए.
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