नईदिल्ली: मध्यप्रदेश के जाने माने आध्यात्मिक गुरु और सामाजिक कार्यकर्ता भय्यूजी महाराज ने मंगलवार (12 जून) को कथित तौर पर गोली मार ली है. घायल अवस्था में भय्यूजी महाराज को इंदौर के बॉम्बे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. खुद को गोली मारने से पहले भय्यूजी महाराज ने एक के बाद एक 6 ट्वीट किए थे. अपने आखिरी ट्वीट में उन्होंने लिखा, ”मासिक शिवरात्रि को ‘महाशिवरात्रि’ कहते हैं. दोनों पंचांगों में यह चन्द्र मास की नामाकरण प्रथा है, जो इसे अलग-अलग करती है. मैं सभी भक्तगणों को इस पवन दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं.”
सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव थे भय्यूजी महाराज
कई नेताओं के गुरु कहे जाने वाले भय्यूजी महाराज सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर काफी एक्टिव थे.
मंगलवार सुबह से ही वह एक के बाद एक ट्वीट कर रहे थे. पहले उन्होंने ट्विटर पर लोगों शिवरात्रि की शुभकामनाएं दी और फिर तेलुगु कवि नायारण रेड्डी को श्रद्धांजलि अर्पित की.
खुदकुशी की वजह साफ नहीं
फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है कि आखिरकार क्यों भय्यूजी महाराज ने खुद को गोली क्यों मारी. बता दें कि भय्यूजी महाराज की गिनती भय्यूजी राजनीतिक रूप से सक्रिय और ताकतवर संतों में गिना जाता था.
शिवराज सरकार ने दिया था मंत्री पद का ऑफर
भय्यूजी महाराज के जीवन की बात की जाए तो यह एक रोचक कहानी है. भय्यूजी महाराज का वास्तविक नाम उदय सिंह शेखावत है, लेकिन मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में इन्हें लोग भय्यूजी महाराज के नाम से जानते हैं. भय्यूजी महाराज एक ऐसे आध्यात्मिक गुरु थे जो गृहस्थ जीवन जीते हैं. उनकी एक बेटी कुहू है. हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उन्हें राज्यमंत्री बनने का ऑफर दिया था, लेकिन उन्होंने यह पद लेने से इनकार कर दिया था.
Bureau Report
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