नईदिल्ली: तमिलनाडु की एआईएडीएमके सरकार पर फिलहाल संकट के बादल हटते नजर आ रहे हैं. 18 विधायकों की सदस्यता रद्द किए जाने के मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि इन विधायकों की सदस्यता रद्द ही रहेगी. हालांकि इस मामले में अब फैसला कोर्ट की 3 सदस्यीय बैंच करेगी. इस मामले में दोनों जजों की राय अलग अलग रही. दरअसल पिछले साल तमिलनाडु में एक राजनीतिक घटनाक्रम में एआईएडीएमके के 18 विधायकों ने विद्रोह कर दिया था. ये शशिकला के भतीजे टी दिनाकरण गुट के थे.
इन विधायकों को स्पीकर ने अयोग्य ठहराते हुए इनकी सदस्यता रद्द कर दी थी. तब से ये मामला कोर्ट में है. अगर ये फैसला विधायकों के हक में आता तो पलानीसामी की सरकार खतरे में आ जाती. लेकिन फिलहाल ये खतरा टल गया है.
चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने केस को खारिज करते हुए विधानसभा स्पीकर के फैसले को सही माना. उन्होंने कहा कि स्पीकर के पास इसका अधिकार है. वहीं बेंच के दूसरे जज ने इसके उलट फैसला सुनाया. अब ये मामला तीन जजों की बेंच के पास चला गया है. इस मामले में फैसला आने से पहले दिनाकरण ने अपने सभी 18 विधायकों की मीटिंग बुलाई थी.
इस मामले में अब क्या हो सकता है…
-अगर तीन जजों की बैंच अब स्पीकर के फैसले को गलत ठहराता है, तो विधानसभा में फ्लोर टेस्ट हो सकता है. इसमें ई. पलानीस्वामी को संख्या जुटाने में मुश्किल हो सकती है.
-अगर कोर्ट स्पीकर के फैसले को सही ठहराता है, तो सभी 18 विधानसभाओं पर चुनाव हो सकता है.
तमिलनाडु विधानसभा की अभी ये है स्थिति
कुल विधायक 234
एआईएडीएमके 114
डीएमके 98
टीटीवी दिनाकरण – 1+18 विधायक ( इनका फैसला 3 जजों की बैंच करेगी.)
अब अगर दिनाकरण और डीएमके साथ आए तो उनकी सरकार बन सकती है. क्योंकि डीएमके के 98 और दिनाकरण गुट के 19 विधायक हैं.
Bureau Report
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