नईदिल्ली: पोखरण में स्मर्च मिसाइल का परीक्षण सफल रहा है. यह 90 किमी तक मार करने में सक्षम है. भारत-रूस के संयुक्त प्रयास से बनी इस मिसाइल का का बीते साल भी परीक्षण किया गया था लेकिन यह लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाई थी. इससे बड़ा हादसा होते-होते बचा था. परीक्षण के दौरान भारतीय सेना और रूसी वैज्ञानिक मौजूद थे. इस दौरान मिसाइल के दो नए संस्करणों 9 एमएमएफ और 9;55 के का परीक्षण सफल रहा. इस मिसाइल के कुल 5 संस्करण हैं. इस प्रणाली को फायरिंग रेंज पर विभिन्न मानकों की जांच की जा रही है.
पिछले साल मिसाइल का परीक्षण फेल हो गया था
बीते साल स्मर्च मिसाइल का परीक्षण लक्ष्य से भटक गया था. मिसाइल दिशा बदलकर एक गांव पर गिर गई थी. उस समय कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ था. जहां मिसाइल गिरी थी वहां गड्ढा हो गया था. फिर वैज्ञानिकों ने इसमें बदलाव किए और इसका दोबारा परीक्षण किया गया. इसीलिए परीक्षण के समय रूसी वैज्ञानिक मौजूद थे. भारतीय सेना के विशेषज्ञ भी मौजूद थे.
भारत-रूस में हुआ है समझौता
भारत और रूस के बीच हथियारों को लेकर कुछ साल पहले एक समझौता हुआ था. पत्रिका की खबर के अनुसार इसके तहत भारत में जो हथियार बनेंगे उनमें रूसी तकनीक का इस्तेमाल होगा. स्मर्च मिसाइल यूपी के कानपुर में मौजूद ऑर्डनेंस फैक्ट्री में बनी है. इस मिसाइल में फायर करने के बाद दिशा बदलने की सुविधा है. यह रिमोट से कंट्रोल की जा सकती है. डीआरडीओ ने मल्टी बैरल रॉकेट लांचर पिनाका मार्क-3 का विकास किया है. पिनाका मार्क-2 की क्षमता 60 किमी के दायरे में मार करने की है. वहीं मार्क-3 90 किमी दूर तक जाती है.
Bureau Report
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