MP: डॉक्‍टर पिता ने सिपाही बेटे की चोट का किया इलाज, सेना को थमाया 16 करोड़ रुपये का बिल

MP: डॉक्‍टर पिता ने सिपाही बेटे की चोट का किया इलाज, सेना को थमाया 16 करोड़ रुपये का बिलभोपाल: अगर आप अपने सिर की चोट का इलाज करवाने जाएंगे तो हो सकता है कि कुछ सौ या कुछ हजार रुपये में आपकी चोट का इलाज हो जाए. जख्म अगर गहरा है तो भी लाख रुपये में आप दुरुस्त हो जाएंगे, लेकिन अगर सिर की चोट के लिए डॉक्टर आपको करोड़ों रुपये का बिल थमा दे तो भला आप इसे क्या कहेंगे. जी हां, ऐसा ही एक मामला भिंड में सामने आया है. यहां एक आयुर्वेदिक डॉक्टर ने सेना के एक जवान का इलाज करने के बदले सेना को सोलह करोड़ का बिल भेज दिया है. खास बात ये है कि सिर की चोट का इलाज करवाने वाला सेना का जवान कोई और नहीं बल्कि इसी आयुर्वेदिक डॉक्टर का अपना बेटा है.

प्रदेश के रौन कस्बे का ये डॉक्‍टर अचानक सुर्खियों में आ गया, क्योंकि इस अस्पताल की तरफ से सेना के मुख्यालय पर सोलह करोड़ का मेडि‍कल बिल क्लेम के लिए भेजा गया है. दरअसल रौन थाना इलाके में संचालित इस आयुष अस्पताल के मालिक डॉ. आई एस राजावत का बेटा सौरभ राजावत भारतीय सेना की 19 मैकेनिकल इंफैक्ट्री में पदस्थ है. साल 2013 में ड्यूटी के दौरान सौरभ के सिर में चोट लग गई थी. इस वजह से सौरभ को सिर मे दर्द और चक्कर आने की समस्या पैदा हो गई थी. सेना ने कुछ समय तक सौरभ का इलाज करवाया और उसके बाद सौरभ छुट्टी लेकर अपने घर चला आया. 

डॉ आई एस राजावत ने अपने बेटे की तकलीफ देखकर उसका इलाज खुद ही करना शुरु कर दिया. डॉ राजावत ने आयुर्वेदिक डॉक्टर होने के बावजूद सौरभ का एलोपैथी पद्धति से इलाज किया. इसके बाद सौरभ जब भी छुट्टी पर आता तब उसके पिता इलाज करने लगते. इस तरह 2014 से लेकर 2017 तक डॉ. राजावत ने सौरभ का इलाज किया. इसके बाद 6-6 करोड़ के दो बिल और 4 करोड़ का एक बिल बनाकर कुल 16 करोड़ रुपये का मेडिकल क्लेम लेने के लिए अपनी क्लीनिक का बिल सेना के मुख्यालय भेज दिया. 

बिल में हुई गड़बड़ी, अधिकारी हैरान 
सोलह करोड़ का बिल देखकर सेना के अधिकारी सकते मे आ गए. अधिकारियों ने मामले की जानकारी भिंड कलेक्टर आशीष गुप्ता एक पत्र लिखकर दी. पत्र मिलते ही कलेक्टर ने इस पत्र को सीएमएचओ के लिए कार्यवाही करने भेज दिया. सीएमएचओ कार्यालय से एक टीम डॉ. राजावत के क्लीनिक पर पहुंच गई और आयुष क्लीनिक को सील कर दिया. इस बारे में डॉ. राजावत का कहना है कि उन्होंने तो साठ-साठ हजार के दो बिल और चालीस हजार का एक बिल मिलाकर कुल एक लाख साठ हजार रुपये का बिल भेजा था. बिल मे जीरो कैसे बढ़ गए, उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. 

सेना के अधिकारियों पर लगाए आरोप 
डॉ. राजावत ने इस कार्यवाही के बाद सेना पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके बेटे सौरभ के सिर मे सूबेदार ने सरिया मारकर उसे गंभीर चोट पहुंचाई थी. सेना ने पूरा मामला दबाने के लिए सौरभ का प्राईवेट अस्पताल मे इलाज करवाया था. जब सौरभ ठीक नहीं हुआ तो उन्होंने खुद उसका इलाज शुरु कर दिया. डॉ. राजावत का आरोप है कि सेना असली बात दबाने का प्रयास कर रही है और पूरे मामले को कुछ और रंग देने की कोशिश कर रही है. 

Bureau Report

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*