जबलपुर: इंसानियत को तार-तार करने वाली एक खबर नरसिंहपुर के तेंदूखेड़ा की है जहां एक महिला के शव का पोस्टमार्टम डाक्टरों की मनमानी के चलते 40 घंटे के बाद भी नहीं हो सका. दरअसल बुधवार को काल ग्राम खमरिया में गनेशी बाई धानक की आग में जलने से मौत हो गए थी. अज्ञात कारण के चलते झोपड़ी में आग लग जाने से गनेसी बुरी तरह झुलस गए थी और घटना स्थल पर ही दम तोड़ दिया था.
पुलिस ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच करते हुए मामला दर्ज करते हुए किया है. पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए बॉडी को तेंदूखेड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार को ही 11 बजे शव को भेज भी दिया था पर यहां पपदस्थ डॉक्टरों में एक डॉक्टर मिश्रा छुटी पर थे और प्रभारी चिकित्सा अधिकारी रामेश्वर पटेल नरसिंहपुर न्यायालय के काम से जा रहे थे. ऐसी स्थिति में परिजन शव को 2000 रुपये खर्च कर तेंदूखेड़ा से 50 किलोमीटर दूर करेली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आये लेकिन वहां पर भी डाक्टरों की संवेदनहीनता सामने आई ओर उन्होंने पोस्टमार्टम करने की जगह परिजनों को फटकार लगाते हुए कहा कि तेंदूखेड़ा के अंतर्गत 5 ओर छोटे स्वाथ्य केंद्र आते है वहां जाकर पोस्टमार्टम करवाओ.
शव का पोस्टमार्टम देर शाम तक नहीं हो सका. पोस्टमार्टम ना होने की स्थिति में शव लेकर परिजन शाम 6:30 बजे वापस तेंदूखेड़ा गए ओर मजबूरी में शव को मोर्चरी में रख दिया गया.
डॉक्टरों की लापरवाही से जहां महिला के परिजन परेशान हैं तो दूसरी तरफ इस हादसे के बाद क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश है.
Bureau Report
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