लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यावरण को बचानेके लिए अहम कदम उठाते हुए प्रदेश में प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि प्रदेश में 15 जुलाई से प्लास्टिक पर प्रतिबंध लग जाएगा. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि 15 जुलाई से यूपी में प्लास्टिक बेचने या इस्तेमाल करने वालों पर जुर्माना लगेगा या फिर सजा का प्रावधान किया गया है. माना जा रहा है कि प्रदेश की योगी सरकार ने यह फैसला पर्यावरण को बचाने और प्रदेश में अंधाधुंध हो रहे प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने के लिए लिया है.
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से उनके कार्यालय के ट्विटर अकाउंट के जरिये घोषणा की गई है ‘हमने 15 जुलाई से पूरे प्रदेश में प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया है मैं आह्वान करता हूं कि 15 जुलाई के बाद प्लास्टिक के कप, गिलास, और पॉलीथीन का इस्तेमाल किसी भी स्तर पर न हो. इसमें आप सभी की सहभागिता जरूरी होगी’. योगी आदित्यनाथ का कहना है कि पॉलीथीन प्रदूषण का कारक है. इसलिए इस पर रोक लगाना जरूरी है.
महाराष्ट्र में भी 18 मार्च से प्लास्टिक के सामान का इस्तेमाल करने पर बैन लग चुका है. महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने 18 मार्च को मराठी नववर्ष ‘गुड़ी पर्व’ से कुछ प्लास्टिक वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया था. राज्य पर्यावरण विभाग के एक अधिकारी ने बताया था कि प्रतिबंध के दायरे में प्लास्टिक की थैलियां, थर्मोकोल और प्लास्टिक के प्लेट, कप, फॉर्क, कटोरे और चम्मच आएंगे. हालांकि फरवरी में प्रकाशित प्रस्तावित प्रतिबंध के मसौदे में फ्लेक्स बोर्ड, गैर बुने हुए पॉलीप्रोपिलीन के थैलों, बैनरों, ध्वज, प्लास्टिक शीट और अन्य तरह के प्लास्टिक रैपरों जैसी अन्य सामग्रियों का भी उल्लेख किया गया था. दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में पॉलीथिन और प्लास्टिक से बनी सामग्रियों पर रोक लगाने की घोषणा की जा चुकी है. गंगा नदी में भी प्लास्टिक की थैलियां फेंकने पर बैन है.
Bureau Report
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