उत्तराखंड: चमोली में बादल फटा, 5 मजदूर दबे और 4 की मौत

उत्तराखंड: चमोली में बादल फटा, 5 मजदूर दबे और 4 की मौतदेहरादून: उत्तराखंड के चमोली जिले में बादल फटने की घटना के बाद हुई भारी बारिश में चार लोगों की मौत हो गई है, जबकि एक अन्य पहाड़ी पर मलबे में दब गए हैं. मालारी में गुरुवार (19 जुलाई) देर शाम बादल फटने से हुई भारी बारिश से पहाड़ी का एक हिस्सा टूटकर गिर गया. सरकार की कुछ परियोजाओं में शामिल पांच मजदूर इस पहाड़ी ढलान पर सो रहे थे, जो मलबे में दब गए. 

जानकारी के मुताबिक, इनमें से चार लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि बाकी एक की तलाश जारी है. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग से संबंधित विशेषज्ञों की एक टीम घटनास्थल पर फौरन पहुंची. अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश और खराब मौसम ने चार धाम तीर्थयात्रा को भी बाधित कर दिया है. सड़क पर फैले मलबे के कारण बद्रीनाथ-लम्बगद राजमार्ग जाम हो गया है और नागदेव के पास थेरंग और गंगनानी के बीच गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी जाम हो गया है.

उप जिलाधिकारी जोशीमठ योगेन्द्र सिंह ने बताया कि उक्त के अतिरिक्त झेलम से एक किमी आगे भापकुण्ड की ओर बादल फटने से सड़क के किनारे टिन सेट में रह रहे बीआरओ के दो मजदूरों और उनके दो बच्चों की मलवे में दबने से मृत्यु हो गई. उन्होंने कहा कि कुछ भूस्खलन और राजमार्ग पर फैले मलबे के कारण गंगोत्री, गंगनानी, भटवारी और उत्तरकाशी में परिवहन सेवा बाधित हो गई हैं. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के मजदूर सड़क को साफ करने के लिए काम कर रहे हैं. क्योंकि, सालाना ‘चार धाम’ यानि यमुनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ यात्रा के लिए जाने वाले वाहनों की लंबी कतार सड़कों पर मौजूद है. वहीं, हेमकुंड तीर्थयात्रा निरंतर जारी है. 

लामबगड़ के पास बही 15 मीटर सड़क 
लामबगड़ भूस्खलन जोन के निकट भारी बारिश के बाद बरसाती नाले से करीब 15 मीटर सड़क बह गई है. यहां पर एनएच द्वारा अभी तक हाईवे की मरम्मत का कार्य शुरू नहीं किया गया है. लामबगड़ भूस्खलन जोन पर भी भारी मात्रा में मलबा आया हुआ है. एनएच द्वारा अभी यहां पर मलबे को हटाने का कार्य किया जा रहा है. हाइवे अवरुद्ध होने से 800 यात्री बदरीनाथ धाम की ओर फंसे हुए हैं, जबकि बदरीनाथ जाने वाले एक हजार यात्रियों को पड़गासी पैदल मार्ग से बदरीनाथ के लिए रवाना किया गया है. बदरीनाथ धाम की ओर फंसे यात्री भी पैदल पड़गासी पैदल मार्ग से आ रहे हैं. 

Bureau Report

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