गुजरात: गुजरात के निलंबित आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट एक बार फिर से बड़े विवाद में घिर गए हैं. इस बार उन्होंने हनुमान जी बहुचर्चित तस्वीर पोस्ट करते हुए एक टिप्पणी की. इसके बाद उनके ट्विटर अकाउंट पर लोगों ने उन्हें जमकर ट्रोल किया और खरी खोटी सुनाई. हालांकि इसके बाद संजीव भट्ट फिर से ट्विटर पर उनका जवाब देते हुए कहा, कि उन्हें उनकी बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता है. लेकिन इस मामले में ये विवाद बढ़ता जा रहा है.
संजीव भट्ट गुजरात कैडर के 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. 2011 में वह निलंबित कर दिए गए. वह अक्सर मोदी सरकार के खिलाफ अपने ट्वीट के कारण चर्चा में रहते हैं. अब उन्होंने हनुमान जी की एक चर्चित तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा… क्या सीता इन हनुमान के साथ अपने आप को सुरक्षित महसूस करतीं. उनके इस ट्वीट के बाद उन पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा.
कई यूजर ने कहा, एक मां अपने पुत्र के साथ हमेशा सुरक्षित महसूस करती है. कुछ यूजर्स ने संजीव भट्ट के खिलाफ कठोर कानूरी कार्रवाई की भी मांग की. पत्रकार मानक गुप्ता ने इसका जवाब देते हुए लिखा…लंका का क़िला भेद कर सीता माता को सुरक्षित महसूस कराने के लिए ‘इसी हनुमान’ की ज़रूरत थी. सीताजी ने कैसा महसूस किया, ये ट्विटर पर नहीं, रामायण पढ़ कर या उसकी TV सीरीज़ देख कर पता चलेगा. हनुमान जी का ये रौद्र रूप रावण जैसे राक्षसों को डराने के लिए था. आपको डर क्यों लग रहा है?.
अपने खिलाफ मोर्चा खोलने वालों पर निशाना साधते हुए संजीव भट्ट ने लिखा, उन्हें ऐसी बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता. इसलिए वह किसी का जवाब नहीं दे रहे.
गौरतलब है कि संजीव भट्ट को 2015 में बर्खास्त कर दिए गए. उनकी पत्नी केशूभाई पटेल की पार्टी से एक बार भाजपा के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुकी हैं. लेकिन वह हार गई थीं. 2002 दंगे मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले भट्ट अक्सर भाजपा और पीएम मोदी के खिलाफ ट्वीट और बयान देते रहते हैं.
Bureau Report
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