नईदिल्ली: बुराड़ी में एक परिवार के 11 लोगों के सामूहिक आत्महत्या करने के बाद से इलाके में दहशत है. घटना के 5 दिन बीतने के बाद भी आस-पड़ोस के लोगों के मन में डर समाया हुआ है. ‘ज़ी न्यूज’ ने इसकी पड़ताल की तो पता चला कि वाकई लोगों में दहशत है. लोगों का कहना है कि बच्चे तो बच्चे बल्कि बड़े भी डरे हुए हैं. जहां परिवार ने आत्महत्या की वह इलाका बुराड़ी के संतनगर की गली नंबर-2 में पड़ता है. यहां से लेकर गली नंबर-10 तक दहशत का महौल है. एक महिला ने बताया कि ललित भाटिया की डायरी में लिखा है कि वह और उनका परिवार 11वें दिन वापस आएगा. ऐसे में हम लोग बहुत डरे हैं और आसपास रहने वाले लोगों ने यह निर्णय लिया है कि 2-3 दिन में पूजा-पाठ, हवन और भागवत गीता का पाठ कराएंगे. कुछ लोगों ने कहा कि भाटिया परिवार के इस मकान को अब एक मंदिर बना देना चाहिए.
शवों का होगा मनोवैज्ञानिक पोस्टमॉर्टम
दिल्ली पुलिस ने भाटिया परिवार के 11 सदस्यों की मौत के मामले की तह तक जाने के लिए परिवार की मानसिकता का पता लगाने के वास्ते शवों को मनोवैज्ञानिक पोस्टमॉर्टम कराने का निर्णय किया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस प्रकार के पोस्टमॉर्टम में परिवार के जीवित सदस्यों की मानसिकता और मृतक की दिमागी हालत की मैपिंग की जाती है. उन्होंने बताया कि घटनास्थल से बरामद कागजों से ‘बड़ तपस्या’ का अभ्यास करने की बात सामने आई है जिसमें लोग बरगद का पेड़ और उसकी टहनियां बनने की कोशिश करते हैं. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ मृतकों की मानसिकता के बारे में जानने का प्रयास करेंगे.
‘बाहरी प्रभाव’ का पता लगाने में जुटी पुलिस
दिल्ली पुलिस की जांच इस बात पर केंद्रित होगी कि क्या इसमें कोई ‘बाहरी प्रभाव’ था. पुलिस ने बताया कि जांच आगे बढ़ने के दौरान कुछ रिश्तेदारों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने परिवार के एक सदस्य के बारे में ‘कुछ विचित्र बातें’ सुनने को मिली थीं लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया. पुलिस अंतिम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. वे शवों के विसरा को फोरेंसिक जांच के लिए भेजेंगे ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि सदस्यों को जहर दिया गया था अथवा नहीं.
Bureau Report
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